तोगडिय़ा विवाद से संघ और वी.एच.पी. ने बनाई दूरी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jan, 2018 08:53 AM

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गुमशुदगी के बाद जिस तरह से प्रवीण तोगडिय़ा ने अपने एन्काऊंटर की साजिश का आरोप इशारों-इशारों में अपनी ही सरकार पर लगाया है, उससे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ही नहीं बल्कि खुद उनके संगठन विश्व हिंदू परिषद ने भी पूरे विवाद से दूरी बना ली है।

जालंधर: गुमशुदगी के बाद जिस तरह से प्रवीण तोगडिय़ा ने अपने एन्काऊंटर की साजिश का आरोप इशारों-इशारों में अपनी ही सरकार पर लगाया है, उससे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ही नहीं बल्कि खुद उनके संगठन विश्व हिंदू परिषद ने भी पूरे विवाद से दूरी बना ली है।  

तोगडिय़ा के बयान से भाजपा को नुक्सान
सूत्रों की माने तो संघ के बड़े अधिकारियों के पास यह जानकारी है कि गुजरात में भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने और इसको हवा देने में वी.एच.पी. नेता प्रवीण तोगडिय़ा की अहम भूमिका रही है। राज्य में पाटीदार आरक्षण के नाम पर भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलन करने वाले और चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने वाले पाटीदार नेता हार्दिक पटेल प्रवीण तोगडिय़ा से लंबे समय से संपर्क में रहे हैं। संघ के बड़े नेताओं को लगता है कि जिस तरह से प्रवीण तोगडिय़ा ने मोदी सरकार और भाजपा के खिलाफ खुलकर बयानबाजी करते रहे हैं उससे पार्टी और सरकार को नुक्सान होने के साथ-साथ विपक्ष को भी मोदी सरकार और भाजपा पर हमला बोलने का मौका मिलता है।

2019 चुनाव से पहले संघ नहीं चाहता विवाद
गौरतलब है कि तोगडिय़ा ने पिछले दिनों अपने एन्काऊंटर का आरोप इशारों-इशारों में पी.एम. नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत और उनकी सरकार पर लगाए हैं। 
विपक्ष उसे जरूर भविष्य में उठाने की कोशिश करेगा। गुजरात के चुनाव के नतीजों के बाद संघ 2019 के लोकसभा चुनाव में किसी भी तरह की अपने संगठनों के बीच कोई तकरार नहीं चाहता, इसीलिए पूरे विवाद से अपने आपको किनारे कर लिया है।

संघ नहीं चाहता तोगडिय़ा रहें अध्यक्ष
सूत्रों की मानें तो प्रवीण तोगडिय़ा की पी.एम. मोदी के विवादों के चलते संघ उन्हें वी.एच.पी. के कार्यकारी अध्यक्ष पद से हटाना चाहता है। बता दें कि वी.एच.पी. के अध्यक्ष राघव रेड्डी और कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगडिय़ा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। वी.एच.पी. के नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए बीते 29 दिसम्बर को भुवनेश्वर संगठन के कार्यकारी बोर्ड की बैठक हुई थी। संघ राघव रेड्डी की जगह वी. कोकजे को अध्यक्ष बनाना चाहता था, लेकिन तोगडिय़ा और उनके समर्थकों ने हंगामा कर चुनाव को नहीं होने दिया था। इसके चलते नए अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो सका।

वी.एच.पी. के अध्यक्ष का मार्च में चुनाव
वी.एच.पी. सूत्रों का कहना है कि मार्च में होने वाली संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक से पहले नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए वी.एच.पी. के कार्यकारी बोर्ड की बैठक अगले महीने फरवरी के आखिरी सप्ताह में होगी। इसमें प्रवीण तोगडिय़ा को कार्यकारी अध्यक्ष और राघव रेड्डी को अध्यक्ष पद से हटाया जा सकता है। इस वी.एच.पी. की कार्यकारी बोर्ड की बैठक में संघ की ओर से आर.एस.एस. महासचिव भैयाजी जोशी और अन्य वरिष्ठ नेता भी उपस्थित रहेंगे। इस कवायद से यह बात साफ है संघ 2019 लोकसभा चुनाव पी.एम. मोदी के रास्ते में आने वाली सभी अंदरूनी रुकावटों को पहले दूर कर देना चाहता है, क्योंकि पी.एम. मोदी को विपक्ष से कम और अपनों से ज्यादा खतरा है।

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