Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Jan, 2018 01:08 AM
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दुष्कर्म की शिकार एक गर्भवती युवती को गर्भपात से जान की खतरा होने की संभावना के मद्देनजर उसे गर्भपात करने की अनुमति प्रदान करने से इंकार कर दिया है। न्यायाधीश एस. अभ्यंकर की एकल पीठ ने मैडीकल रिपोर्ट के आधार...
जबलपुर: मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दुष्कर्म की शिकार एक गर्भवती युवती को गर्भपात से जान की खतरा होने की संभावना के मद्देनजर उसे गर्भपात करने की अनुमति प्रदान करने से इंकार कर दिया है। न्यायाधीश एस. अभ्यंकर की एकल पीठ ने मैडीकल रिपोर्ट के आधार पर यह आदेश दिए हैं। इस मामले में विस्तृत आदेश फिलहाल प्रतीक्षित है।
सिवनी जिले की बरघाट में रहने वाली 23 वर्षीय युवती की तरफ से दायर याचिका में कहा था कि वह कमजोर आॢथक स्थिति से दो-चार है। काम के सिलसिले में वह राजेश नामक व्यक्ति के संपर्क में आई और उसने शादी का प्रलोभन देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए, जिसके कारण वह गर्भवती हो गई। राजेश पहले से शादीशुदा था। जब राजेश ने शादी करने से इंकार कर दिया तो उसने उसके खिलाफ 9 दिसम्बर को थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।