Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jun, 2017 12:38 PM
भाजपा द्वारा बिहार के गवर्नर रामनाथ कोविंद को अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित करने के बाद विपक्ष में हलचल शुरु हो गई है।
नई दिल्लीः भाजपा द्वारा रामनाथ कोविंद को अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित करने के बाद विपक्ष में हलचल शुरु हो गई है। बेदाग छवि और दलित चेहरे के रुप में कोविंद एक मजबूत उम्मीदवार हैं, लेकिन विपक्ष भी अपना संयुक्त उम्मीदवार मैदान में उतार सकता है। हालांकि भाजपा ने कोविंद का नाम राष्ट्रपति पद के लिए आगे कर विपक्ष को करारा झटका दिया है। ऐसे में विपक्ष असमंजस में है कि वह कोविंद का विरोध करे या नहीं। 22 जून को विपक्ष को अपना फैसला सुनाना है, लेकिन बैठक से पहले विपक्ष की मुखिया सोनिया गांधी के सामने 5 बड़ी मुश्किलें हैं।
जानें काैन सी है ये मुश्किलेंः-
1) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार NDA के उम्मीदवार का समर्थन कर सकते हैं, जिससे विपक्षी एकता को बड़ा झटका लग सकता है।
2) NDA के दलित उम्मीदवार के चलते मायावती बेहतर दलित उम्मीदवार की वकालत करने पर मजबूर हो गईं।
3) कांग्रेस दलित की बजाय किसी सम्मानित और गैर राजनीतिक व्यक्ति को चाह रही है, जैसे एमएस स्वमीनाथन और गोपाल कृष्ण गांधी। हालांकि, विपक्ष और खुद स्वामीनाथन इसके लिए तैयार होंगे, ये भी सवाल है।
4) समाजवादी पार्टी किसी राजनैतिक व्यक्ति को ही विपक्ष का उम्मीदवार बनाने की मांग कर रही है।
5) वहीं गोपालकृष्ण गांधी का नाम सुझाने वाला लेफ्ट अब मायावती के तर्क के साथ है, वो अब दलित महिला मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाने की वकालत कर रहा है।
कुल मिलाकर राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष का मोर्चा मुश्किलों से ही जूझ रहा है। एेसे में देखना हाेगा कि विपक्ष एनडीए काे मात देने के लिए काैन सा दांव खेलता है, या फिर एनडीए उम्मीदवार का समर्तन करता है।