Edited By ,Updated: 24 May, 2016 12:13 PM
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नेशनल एलिजिबिलिटी एंड एंट्रेंस टेस्ट (एनईईटी) के दायरे से इस साल राज्य बोर्डों को बाहर रखने के लिए लाए गए अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नेशनल एलिजिबिलिटी एंड एंट्रेंस टेस्ट (एनईईटी) के दायरे से इस साल राज्य बोर्डों को बाहर रखने के लिए लाए गए अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) के संदर्भ में राष्ट्रपति ने स्पष्टीकरण मांगा था जिस पर जवाब देने के लिए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी आज सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ राष्ट्रपति सचिवालय में मौजूद थे। राष्ट्रपति के पास यह अध्यादेश शनिवार को भेजा गया था और आज सुबह वह चीन की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर रवाना हुए।
अध्यादेश जारी होने पर क्या होगा?
बता दें कि एक बार अध्यादेश जारी होने पर राज्य सरकारी बोर्डों के छात्रों को 24 जुलाई को एनईईटी में नहीं बैठना होगा। हालांकि, उन्हें अगले शैक्षिक
सत्र से इस प्रवेश परीक्षा का हिस्सा बनना पड़ेगा। गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट ने एनईईटी अध्यादेश को मंजूरी दी थी, जिसका मकसद सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आंशिक तौर पर टालना है। जिसमें कहा गया है कि सभी सरकारी कॉलेज, डीम्ड विश्वविद्यालय और निजी मेडिकल कॉलेज नीट के दायरे में आएंगे। परीक्षा का अगला चरण 24 जुलाई को होना है।