Edited By ,Updated: 09 Nov, 2016 08:14 AM
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों में इतना तनाव हो गया है कि कई बार वह अपना मानसिक संतुलन तक खो देते हैं।
चंडीगढ़(रवि) : आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों में इतना तनाव हो गया है कि कई बार वह अपना मानसिक संतुलन तक खो देते हैं। मनोवैज्ञानिक डाक्टर रोशन लाला दहिया की मानें तो यही वजह है कि पहले के मुकाबले अस्पतालों में मनोविज्ञान विभाग में मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है। जी.एम.सी.एच. सैक्टर-32 मैडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल के आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 5 महीनों में मनोरोगियों की संख्या में काफी इंजाफा हुआ है। जनवरी में जहां केवल 261 मरीज आए थे वहीं 5 महीने बाद इनकी संख्या 400 के पास पहुंच गई। दूसरे महीने में मरीजों की संख्या 329 हो गई जो कि पहले की तुलना में 4 फीसदी से ज्यादा रही।
हालांकि मार्च के महीने में मरीजों की संख्या में मामूली सी गिरावट दर्ज की गई और मरीजों की आंकड़ा 316 पर आ गया। लेकिन अप्रैल महीने में मरीजों की संख्या में 63 की बढ़ौतरी फिर पाई गई और दोबारा 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस दौरान करीबन 7 प्रतिशत ज्यादा मरीज ओ.पी.डी. में इलाज के लिए पहुंचे। वहीं मई में भी मरीजों की संख्या बढ़कर 388 गई जो जनवरी के कुल मरीजों से करीबन 8 प्रतिशत तक ज्यादा हैं।
अब लोग नहीं कतराते :
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अपने लिए भी वक्त नहीं निकाल पा रहे हैं। जिसकी वजह से हमारी सोशल जिंदगी न के बराबर हो गई है। पंजाब यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक डाक्टर रोशन लाला दहिया की मानें तो सोशल मीडिया की वजह से भी लोगों में स्ट्रैस लैवल बढ़ रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि पहले लोग मनोवैज्ञानिक के पास जाने से डरते थे कि लोग उन्हें मानसिक तौर पर असंतुलित समझेंगे। लेकिन पहले के मुकाबले लोगों की मानसिकता में अब काफी बदलाव आया है। इसलिए अगर उन्हें मनोवैज्ञिानिक की जरूरत है तो वह उसके पास जाने से नहीं कतराते।
जनवरी में थे 261, 5 माह बाद संख्या बढ़कर 388 हुई
महीना मरीजों की संख्या
जनवरी 261
फरवरी 329
मार्च 316
अप्रैल 382
मई 388
कुल मरीज 1676