Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Mar, 2018 12:27 PM
नगर निगमों समेत अन्य संस्थाओं के कामकाज के प्रदर्शन में पुणे सबसे बहतर शहर है और बैंगलोर सबसे खराब शहर है। देश भर में कराए गए एक नए अध्ययन से यह खुलासा हुआ है। बेंगलुर की एक गैर सरकारी संस्था ‘जनगृह’...
नेशनल डेस्क: नगर निगमों समेत अन्य संस्थाओं के कामकाज के प्रदर्शन में पुणे सबसे बहतर शहर है और बैंगलोर सबसे खराब शहर है। देश भर में कराए गए एक नए अध्ययन से यह खुलासा हुआ है। बेंगलुर की एक गैर सरकारी संस्था ‘जनगृह’ के सर्वेक्षण के अनुसार भारतीय शहरों के स्थानीय प्रशासन के कामकाज में सुधार हो रहा है लेकिन इसकी गति बहुत धीमी है। सर्वेक्षण में शहरों की प्रशासनिक और संस्थागत प्रक्रियाओं में जोर पर बल दिया गया है।
सर्वेक्षण में 23 शहरों को किया शामिल
सर्वेक्षण में 20 राज्यों के 23 शहरों को शामिल किया और 89 बिंदुओं को लेकर एक प्रश्नावली तैयार की गयी थी। प्रत्येक शहर को कुल 10 अंकों में से अंक दिये। शहरों ने तीन से लेकर 5.1 अंक प्राप्त किये। सर्वेक्षण में पांच शीर्ष शहरों में पुणे, कोलकाता, तिरुवनंतपुरम, भुवनेश्वर और सूरत शामिल हैं। इन शहरों ने 4.6 से लेकर 4.5 अंक हासिल किये हैं। अंतिम 5 शहरों बेंगलुरू, चंडीगढ़, देहरादून, पटना और चेन्नई को 3.0 से लेकर 3.3 अंक मिले हैं। जनगृह के उपाध्यक्ष अनिल नायर के अनुसार सर्वेक्षण में दीर्घकालिक नियोजन, वित्त, कर्मचारी, राजनीतिक नेतृत्व, प्रशासन में नागरिकों की भागीदारी और पारदर्शिता को आधार बनाया गया।
सर्वेक्षण के अनुसार शहरों की प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुधारने में आधुनिक कार्यप्रारुप का अभाव, अप्रशिक्षित मानव संसाधन, निर्णय प्रक्रिया में नागरिकों की भागीदारी का अभाव तथा राजनीतिक नेतृत्व के पास वास्तविक अधिकारों का नहीं होना प्रमुख बाधायें हैं। इसके विपरीत जोहांनसबर्ग जैसे शहरों के महापौर के पास ज्यादा अधिकार होते हैं।