Edited By ,Updated: 13 Nov, 2016 01:13 AM
टैगोर थिएटर में शनिवार को नाटक ‘हुमस’ का मंचन सार्थक रंग मंच पटियाला की तरफ से किया गया।
चंडीगढ़, (नेहा): टैगोर थिएटर में शनिवार को नाटक ‘हुमस’ का मंचन सार्थक रंग मंच पटियाला की तरफ से किया गया। इसका निर्देशन डा. लखा लहरी द्वारा किया गया और लेखन प्रोफैसर कृपाल कजाक ने किया। इस नाटक में इंसान की चारों अवस्थाओं बचपन, जवानी, गृहस्थ और बुढ़ापे का जिक्र किया गया। नाटक की शुरुआत एक स्कूल के सीन से होती है जहां पर एक बच्चे को धर्म पर सवाल पूछने पर टीचर की डांट सुननी पड़ती है।
साथ ही में यह भी दिखाया गया कि मां बाप अपनी इच्छा अपने सपने अपने बच्चों पर लाद देते हैं और उनसे उनके अरमानों के बारे में पूछा ही नहीं जाता। जीवन की दूसरी स्टेज पर जाकर युवाओं में नौकरियों को लेकर हुमस रहती है।
सरकारें उनके सामने सपने तो परोस देती है जो कि हकीकत से कोसो दूर होते हैं। वहीं गृहस्थ जीवन को दिखाते हुए पति पत्नी के बीच की तकरार को दिखाया जाता है। अंत में एक बुजुर्ग पति पत्नी की कहानी को दिखाया गया जो अपने बच्चों के कारण एक दूसरे से अलग रहते हैं।
वह अपने बच्चों से इतना तंग आ जाते है कि अंत में उन्हें यह कहकर छोड़कर चले जाते हैं - ‘हुण समा आ गया है इस हुमस भरी दुनिया तो दूर ताजी हवा विच्च साह लईए’ पहली कहानी में बच्चों का पात्र 10 वर्षीय सेहराब और 11 वर्षीय क्रिया ने निभाया इनके अलावा मंच पर कुल 8 कलाकारों जसी सभु, कमल प्रीत कौर, गुरदित सिंह, इंदू, मंजीत, पूजा, सिद्धार्थ ने भाग लिया।