Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Jan, 2018 07:07 PM
गुजरात विधानसभा चुनाव में सीट की बढ़त से लबरेज कांग्रेसियों ने कर्नाटक पर अपनी चुनावी तैयारी शुरू कर दी है। राहुल गांधी के अगुवाई में कांग्रेसी रणनीतिकारों ने उन राज्यों पर फोकस करना शुरू कर दिया है जहां इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। 2018 में...
नेशनल डेस्क, आशीष पाण्डेय: गुजरात विधानसभा चुनाव में सीट की बढ़त से लबरेज कांग्रेसियों ने कर्नाटक पर अपनी चुनावी तैयारी शुरू कर दी है। राहुल गांधी के अगुवाई में कांग्रेसी रणनीतिकारों ने उन राज्यों पर फोकस करना शुरू कर दिया है जहां इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। 2018 में कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान मुख्य रूप से अहम हैं। इन राज्यों में सबसे पहले कर्नाटक में चुनाव होने हैं, इसलिए इस दक्षिणी राज्य के लिए राजनीतिक दलों ने कमर कसना भी शुरु कर दिया है। फिलहाल इस राज्य में कांग्रेस की सरकार है।
गढ़ बचाने उतरे 8 लाख योद्धा
कर्नाटक को कांग्रेस का गढ़ भी कहा जाता है। हालांकि बीजेपी भी हर में अपने शासन का विस्तार कर भगवा फहरा रही है। इस कारण भी कांग्रेस को पता है कि इस दक्षिणी राज्य पर उसका कब्जा बनाए रखना कितना जरूरी है। यहां सिद्धारमैया पर राहुल गांधी को भरोसा तो है उनकी राजनीतिक क्षमता का विपक्ष भी कायल है। इसके बाद भी राहुल गांधी सांगठनिक स्तर पर चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। यही वजह है कि दक्षिण में कर्नाटक के अपने गढ़ को बचाने के लिए कांग्रेस ने आठ लाख बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं की फौज तैयार की है। सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक में चुनावी दंगल के लिए कांग्रेस 20 जनवरी को प्रचार की रणभेरी फूंक सकती है। कर्नाटक की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 28 मई 2018 को समाप्त हो रहा है। कर्नाटक विधानसभा में 224 सीटें हैं।
6 महीने से चल रही है तैयारी
कर्नाटक चुनाव के लिए कांग्रेस की तैयारियों को लेकर राज्य के पार्टी प्रभारी जनरल सेक्रेटरी के सी वेणुगोपाल ने कहा कि “पिछले 6 महीने से हम कर्नाटक में हर निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर मिशन मोड में काम कर रहे हैं। हम कर्नाटक में 98 फीसदी बूथ लेवल कमेटियों का गठन कर चुके हैं। कर्नाटक में कुल 54,200 बूथ कमेटी हैं जिनमें से हम 53,000 बना चुके हैं। प्रत्येक कमेटी में 15 सदस्य हैं। हम कर्नाटक में इस काम में 7 लाख 95 हजार कार्यकर्ताओं को जोड़ चुके हैं।” वेणुगोपाल के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से छह महीने पूर्व जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने के निर्देश दिए जाने के साथ ही ‘मिशन कर्नाटक शुरू है।
संगठन मजबूत करने पर ही जीत
कांग्रेस आला कमान को यह समझ में आ गया है कि बिना संगठन को मजबूत किए चुनावी जीत हासिल करने की सोच बेमानी है। यही कारण है कि कांग्रेस अब बूथ स्तर पर संगठन की मजबूती पर बहुत जोर दे रही हैं। हालांकि बीजेपी में अमित शाह के संगठन को साधने के हुनर से सब वाकिफ हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह नीति यही रही है कि हर राज्य के चुनाव में बूथ स्तर पर पन्ना प्रमुखों और बूथ कार्यकर्ताओं को अधिक तवज्जो दिया जाए। अब अमित शाह के चुनावी चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए कर्नाटक में कांग्रेस ने भी बूथ स्तर पर संगठन की मजबूती के लिए कमर कस ली है। वक्त की जरूरत को पहचानते हुए कांग्रेस अब बूथ लेवल कमेटी के सदस्यों के लिए ट्रेनिंग सेशंस भी चला रही है। कर्नाटक के लिए कांग्रेस के प्रभारी जनरल सेक्रेटरी इंचार्ज वेणुगोपाल ने कहा, “घर घर जाकर कार्यकर्ताओं का अभियान पहले ही पूरा हो चुका है, हम अब जंग के लिए तैयार हैं।”