Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Nov, 2017 10:47 AM
राहुल गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष बनना लगभग निश्चित है। उनकी बहन प्रियंका गांधी की पार्टी में संभावित बड़ी भूमिका को लेकर राजनीतिक क्षेत्रों में चर्चा जोरों पर है। प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में शामिल होने की बातें काफी समय से चल रही हैं। अपनी...
नई दिल्ली: राहुल गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष बनना लगभग निश्चित है। उनकी बहन प्रियंका गांधी की पार्टी में संभावित बड़ी भूमिका को लेकर राजनीतिक क्षेत्रों में चर्चा जोरों पर है। प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में शामिल होने की बातें काफी समय से चल रही हैं। अपनी मां सोनिया गांधी और भाई राहुल के क्रमश: रायबरेली और अमेठी निर्वाचित क्षेत्रों में चुनाव अभियान का प्रियंका ने सफलतापूर्वक संचालन किया था जिससे उनके सक्रिय राजनीति में आने की अटकलें तेज हो गई थीं। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों से पूर्व कांग्रेस के भीतर ये अटकलें थीं कि प्रियंका पूर्ण सदस्य के रूप में कांग्रेस में शामिल हो सकती हैं। कुछ ने यह भी सुझाव दिया था कि वह पार्टी के मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार भी बन सकती हैं।
उत्तर प्रदेश के लिए कांग्रेस की स्टार प्रचारकों की सूची में उनका भी नाम था मगर उन्होंने केवल अमेठी और रायबरेली में ही प्रचार किया। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को मिली हार के बाद राहुल की ताजपोशी के बारे में आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा गया। प्रियंका सक्रिय राजनीति में शामिल होने से संकोच करती आई हैं मगर सोनिया गांधी के अब कांग्रेस में पिछली सीट में जाने का फैसला करने के बाद प्रियंका कांग्रेस की बैठकों में प्रमुखता से भाग ले सकती हैं। चुनाव प्रचार के संचालन और अन्य पाॢटयों के साथ समझौता करने का अनुभव प्रियंका को कांग्रेस में अच्छा नेतृत्व दे सकता है।
महासचिव बनाने का सुझाव
राजनीतिक पंडितों का विश्वास है कि प्रियंका का पार्टी के संगठन में प्रवेश सन्निकट है। कुछ रिपोर्टों में सुझाव दिया गया कि राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में अगले वर्ष और 2019 में लोकसभा चुनावों से पूर्व प्रियंका को कांग्रेस का महासचिव बनाया जा सकता है।
सपा से गठबंधन को बचाया था प्रियंका ने
सीटों के बंटवारे को लेकर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और सपा के बीच गठबंधन को टूटने से प्रियंका ने ही बचाया था। विश्वास किया जाता है कि प्रियंका ने डिंपल यादव को फोन कर सीटों के बंटवारे को लेकर गतिरोध खत्म करने में और गठबंधन को बरकरार रखने के लिए राजी किया था।
2019 में गठबंधन के काम की संभाल सकती है कमान
सूत्र तो यह भी बता रहे हैं कि राहुल गांधी कांग्रेस का चेहरा होंगे और उनकी बहन प्रियंका 2019 में भाजपा के साथ मुकाबला करने के लिए अन्य पाॢटयों से गठबंधन करने के काम की कमान संभाल सकती हैं।