Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Nov, 2017 12:36 PM
गुजरात में सत्ता हासिल करने के लिए कांग्रेस दलित कार्ड खेलने की तैयारी कर रही है। पार्टी उपाध्य राहुल गांधी गुजरात नवसृजन यात्रा के चारों दौर की यात्रा को पूरा करने के बाद एक बार फिर सियासी मैदान में उतरने जा रहे हैं। अपनी दो दिवसीय यात्रा के तहत...
नेशनल डेस्क: गुजरात में सत्ता हासिल करने के लिए कांग्रेस दलित कार्ड खेलने की तैयारी कर रही है। पार्टी उपाध्य राहुल गांधी गुजरात नवसृजन यात्रा के चारों दौर की यात्रा को पूरा करने के बाद एक बार फिर सियासी मैदान में उतरने जा रहे हैं। अपनी दो दिवसीय यात्रा के तहत राहुल दलित शक्ति केंद्र का दौरा करेंगे और राष्ट्रीय ध्वज को पूरे सम्मान के साथ स्वीकार करेंगे। साथ ही वह भारत को छुआ-छूत जैसी कुप्रथाओं से मुक्त करने के लिए भी शपथ लेंगे।
83.3 फुट ऊंचा है राष्ट्रीय ध्वज
दलित शक्ति केंद्र द्वारा जारी बयान के अनुसार यह भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय ध्वज है जो 125 फुट चौड़ा और 83.3 फुट ऊंचा है। इसी दलित शक्ति केंद्र पर विजय रुपाणी को राष्ट्रीय ध्वज पेश किया गया था और उन्हें बाबा साहेब की तरह छुआ-छूत प्रथाओं को खत्म करने की शपथ लेने के लिए कहा था जिसे सीएम ने इंकार कर दिया था। रुपाणी की ओर से गांधीनगर कलेक्ट्रेट के अधिकारियों ने कहा था कि उनके पास राष्ट्रीय ध्वज रखने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है इसलिए वह इस ध्वज को नहीं ले सकते हैं।
गुजरात में 7 फीसदी दलित मतदाता
बता दें कि गुजरात में 7 फीसदी दलित मतदाता हैं। राज्य की 182 सीटों में से 13 सीटें अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित हैं। गुजरात में दलित मतदाताओं पर भाजपा की मजबूत पकड़ मानी जाती है। 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी इन 13 सीटों में से 10 सीटें जीतने में सफल रही है जबकि कांग्रेस के खाते में 3 सीटें आई थी। राहुल गांधी राज्य के दलित मतदाताओं को साधने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं।