चीन-पाक सीमा पर भारतीय सैनिकों की मदद के लिए रेलवे ने उठाया यह कदम

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Mar, 2018 05:16 AM

railways to help indian soldiers on the china pak border

चीन से लगती सीमा पर भारतीय रेलवे अपनी मजबूती बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। अपात स्थिती में सेना को सीमा पर पहुंचाने के लिए और अहम हथियारों एवं सैनिकों को ले जा रही विशेष ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। भारतीय रेलवे सेना  इन जरूरतों...

नेशनल डेस्क: चीन और पाकिस्तान से लगती सीमा पर भारतीय रेलवे अपनी मजबूती बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। अपात स्थिती में सेना को सीमा पर पहुंचाने के लिए और अहम हथियारों एवं सैनिकों को ले जा रही विशेष ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। भारतीय रेलवे सेना की इन जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी ओर से पैसा खर्च करने को भी तैयार है। 

विशेष ट्रेनों की गतिविधियों पर रखेगा नजर
सूत्रों के अनुसार रेलवे ने फैसला लिया है कि वह थलसेना की आधारभूत संरचना संबंधी जरूरतों को बढ़ाएगा ताकि चीन और पाकिस्तान की सीमा से सटे इलाकों में संसाधन तेजी से पहुंचाए जा सकें। रेलवे ने सशस्त्र बलों की विशिष्ट जरूरतों पर काम करना पहले ही शुरू कर दिया है और थलसेना को अपनी ऑनलाइन ट्रेन निगरानी प्रणाली तक पहुंच मुहैया कराने का फैसला किया है ताकि वह विभिन्न जगहों पर हथियारों और जवानों को लेकर जा रही विशेष ट्रेनों की गतिविधियों की निगरानी कर सके। 

स्टेशनों पर सुविधाएं कराएगा मुहैया
सूत्रों ने कहा कि रेलवे थलसेना मुख्यालय के उस प्रस्ताव पर भी सहमत हो गया है जिसमें अरुणाचल प्रदेश में भारत- चीन सीमा के पास के विभिन्न सेक्टरों तक हथियारों को तेजी से ले जाने के लिए पूर्वोत्तर में कई प्रमुख स्टेशनों पर सर्मिपत सुविधाएं मुहैया कराने की बात कही गई थी। अरुणाचल प्रदेश के भलुकपुंग, असम के शिलापत्थर और मकुम और नगालैंड के मोकोकचुंग और दीमापुर में ये सुविधाएं शुरू की जाएंगी। 

सेना को हथियार ले जाने में मिलेगी मदद 
रेलवे ने अपने अधिकारियों को पूर्वोत्तर और पाकिस्तानी सीमा से सटे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण विभिन्न इलाकों में भेजने पर भी सहमति जताई है ताकि वे थलसेना की विशिष्ट आधारभूत संरचना से जुड़ी जरूरतों को समझ सकें। पिछले साल डोकलाम में 73 दिनों तक कायम रहे गतिरोध के बाद थलसेना ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में परिवहन आधारभूत संरचना दुरुस्त करने की जोरदार वकालत की थी ताकि सैनिकों और हथियारों को चीन से लगी सीमा वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे संवेदनशील जगहों तक ले जाने में लगने वाले समय में कटौती हो। 

थलसेना 750 ट्रेनों का करती हे इस्तेमाल
टैंकों, तोपों, इंफैंट्री लड़ाकू वाहनों और मिसाइलों सहित अन्य साजोसामान ले जाने के लिए थलसेना करीब 750 ट्रेनों का इस्तेमाल करती है और इसकी एवज में रेलवे को हर साल करीब 2,000 करोड़ रुपए का भुगतान करती है। इन फैसलों से वाकिफ थलसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि युद्ध के लिए( सैनिकों और हथियारों) को ले जाने में थलसेना के लिए रेलवे का नेटवर्क सबसे निर्णायक है। उन्होंने कहा कि थलसेना विभिन्न वस्तुओं और हथियारों के परिवहन के लिए करीब 5,000 कोचों का इस्तेमाल करती है और उन्हें रखने के लिए नई पार्किंग सुविधाएं तैयार की जा रही हैं। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!