Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jan, 2018 03:57 PM
फिल्म ''पद्मावत'' की रिलीज रोकने के लिए राजस्थान और मध्य प्रदेश की ओर से दी गई पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सभी याचिकाएं खारिज कर दी है। कोर्ट के फैसले के बाद अब फिल्म 25 जनवरी को ही रिलीज होगी। कोर्ट ने कहा कि फिल्म को...
नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म पद्मावत को पूरे देश में प्रर्दिशत करने संबंधी अपने 18 जनवरी के आदेश में संशोधन करने से आज इनकार करते हुए कहा कि लोगों को यह निश्चित तौर पर समझना चाहिए कि उन्हें शीर्ष अदालत के फैसले का पालन करना ही होगा। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ ने 18 जनवरी के फैसले में संशोधन की मांग करने वाली राजस्थान और मध्यप्रदेश की अर्जियों को खारिज करते हुए उक्त बात कही। न्यायालय ने गुजरात और राजस्थान में पद्मावत के प्रदर्शन पर लगी रोक को स्थगित करके 25 जनवरी को फिल्म रिलीज का रास्ता साफ कर दिया है। इस पीठ में न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्तिडी. वाई. चन्द्रचूड़ शामिल हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘लोगों को निश्चित तौर पर यह समझना चाहिए कि उच्चतम न्यायालय ने एक आदेश दिया है। उन्हें इसका पालन करना ही होगा । कानून-व्यवस्था बनाए रखना राज्यों की जिम्मेदारी है।’’ अर्जी खारिज करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘हम अपने आदेश में संशोधन करने के इच्छुक नहीं हैं।’’ पीठ ने राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना और अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की संजय लीला भंसाली की फिल्म पर रोक लगाने की याचिकाएं भी खारिज कर दी हैं। गौरतलब है कि करणी सेना लगातार फिल्म के विरोध में पूरे देश में प्रदर्शन कर रही है।
करणी सेना ने किया कर्फ्यू का ऐलान
पद्मावत पर सुप्रीम कोर्ट से अपने पक्ष में फैसला नहीं आने पर राजपूत करणी सेना ने आज कहा कि देशभर में 25 जनवरी को रिलीज हो रही फिल्म को रोकने के लिए जनता कर्फ्यू लगाया जाएगा। राजपूत करणी सेना के संरक्षक लोकेंद्र सिंह कालवी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि अब हम जनता के बीच जाएंगे, देशव्यापी स्तर पर फिल्म को रोकने के जनता कर्फ्यू लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि फिल्म को रोकने के लिये हम पहले ही जनता कर्फ्यू की घोषणा कर चुके हैं। इसके तहत जनता सिनेमाघरों में फिल्म का प्रदर्शन रोकेगी। हमने सिनेमाघरों मालिकों और वितरकों से भी समर्थन और सहयोग मांगा है।