Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jun, 2017 01:46 PM
रामनाथ कोविंद को राजग के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने के भाजपा के फैसले के बाद उठे घटनाक्रम में बिहार में जदयू,राजद,कांग्रेस महागठबंधन बेहद कठिन दौर में पहुंच गया है......
नई दिल्ली: रामनाथ कोविंद को राजग के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने के भाजपा के फैसले के बाद उठे घटनाक्रम में बिहार में जदयू,राजद,कांग्रेस महागठबंधन बेहद कठिन दौर में पहुंच गया है जहां नीतीश कुमार की पार्टी भाजपा के साथ पूर्व में अपने गठबंधन को अधिक सहज बता रही है तो दूसरी आेर भाजपा प्रधानमंत्री और नीतीश कुमार के बीच एक दूसरे के प्रति स्वाभाविक सम्मान के भाव की दुहाई दे रही है। रामनाथ कोविंद को राजग के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के फैसले के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी एकजुटता को झटका देकर कोविंद को समर्थन देने का फैसला किया है, जिसे कांग्रेस के साथ खड़ी कुछ दूसरी पार्टियों की आेर से विपक्षी एकजुटता के मार्ग में बाधक के रूप में देखा जा रहा है।
इस बीच, कांग्रेस ने बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन की साझीदार जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार पर पहला बड़ा हमला बोला है। अभी तक इस मामले को लेकर कांग्रेस नीतीश या जदयू को निशाने पर लेने से बचती दिखी थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को कहा कि जो लोग एक सिद्धांत में भरोसा करते हैं, वे सिर्फ एक फैसला लेते हैं। आजाद के मुताबिक, जिन लोगों को कई सिद्धांतों में भरोसा है, वे कई तरह के फैसले लेते हैं। उन्होंने कहा, Þ वह (नीतीश) पहले एेसे शस थे जिन्होंने बिहार की दलित की बेटी को हराने का फैसला किया है, हम नहीं।
उल्लेखनीय है कि विपक्ष की आेर से पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को राष्ट्रपति चुनाव में उमीदवार बनाने के फैसले पर नीतीश ने कहा था कि विपक्षी गठबंधन ने बिहार की बेटी को हराने के लिए मैदान में उतारा है। भारतीय जनता पार्टी ने जदयू अध्यक्ष की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी निजी छवि को लगातार बनाकर रखा है लेकिन उनके सहयोगी दलों राजद और कांग्रेस के नेताओं के भ्रष्ट और आपराधिक कारनामे उनके लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। पार्टी प्रवक्ता जी वी एल नरसिहा राव ने कहा कि बिहार में गठबंधन आंतरिक गतिरोधों से भरा हुआ है। प्रधानमंत्री और नीतीश कुमार के बीच एक दूसरे के प्रति स्वाभाविक सम्मान है लेकिन गठबंधन सहयोगियों के बीच खुले हमले एक बड़े मंथन का संकेत हैं। एेसा लगता है कि गठबंधन ढहने के कगार पर है।