Edited By ,Updated: 10 Nov, 2016 05:18 PM
बिहार के बेगुसराय जिले में हुई एक घटना ने एक बार फिर से सुशासन के दावों की खोलकर रख दी है।
पटनाः बिहार के बेगुसराय जिले में हुई एक घटना ने एक बार फिर से सुशासन के दावों की खोलकर रख दी है। दरअसल, 500 और 1000 के नोट बंद हो जाने की वजह से बलात्कार की शिकार एक बच्ची का परिवार अस्पताल जाने के लिए घंटों भटकता रहा, लेकिन कोई एंबुलेंस वाला उनकी बच्ची को ले जाने के लिए तैयार नहीं हुआ।
रेप के बाद सड़क पर फेंका
जानकारी के मुताबिक, मालती गांव में 5 साल की एक मासूम काे बलात्कार के बाद सड़क किनारे बुरी हालत में बरामद किया गया। बच्ची को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां हालत बिगड़ने पर उसे पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिए रेफर किया गया। लेकिन 500 और 1000 के नोट होने की वजह से एंबुलेंस के ड्राइवर ने बच्ची को ले जाने से साफ इंकार कर दिया और बच्ची का परिवार कई घंटे तक यहां वहां भटकता रहा।
मासूम पर नहीं अाया तरस
सदर अस्पताल को खुद ही बच्ची को पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था करनी चाहिए थी, परंतु दुष्कर्म पीड़ित बच्ची को लेकर भी सरकारी सिस्टम ने संवेदनशील रवैया नहीं अपनाया और सरकार के आदेशों के बावजूद एंबुलेंस ड्राइवर ने 500 या 1000 रुपए के नोट लेने से साफ इंकार कर दिया। इसके बाद बच्ची के घरवालों ने कहीं से छोटी राशि के नोट इकट्ठा किए, तब भी ड्राइवर खाना खाने की बात कह कर इतंजार कराता रहा। बच्ची परिवार कई घंटे तक यू हीं भटकते रहना पड़ा।