Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Mar, 2018 05:09 AM
आतंकियों से लोहा लेते हुए करीब एक साल पहले 9 गोलियां लगने से बुरी तरह जख्मी हुए सीआरपीएफ कमांडेंट चेतन चीता ड्यूटी पर वापस लौट आए हैं। मौत के मुंह से निकलने वाले चेतन कुमार चीता का वापस ड्यूटी पर ऐक्टिव होना किसी चमत्कार से कम...
नई दिल्लीः आतंकियों से लोहा लेते हुए करीब एक साल पहले 9 गोलियां लगने से बुरी तरह जख्मी हुए सीआरपीएफ कमांडेंट चेतन चीता ड्यूटी पर वापस लौट आए हैं। मौत के मुंह से निकलने वाले चेतन कुमार चीता का वापस ड्यूटी पर एक्टिव होना किसी चमत्कार से कम नहीं है।
बीते साल 14 फरवरी को कश्मीर के बांदीपोरा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में चीता को 9 गोलियां लगी थीं जिससे वह बुरी तरह घायल हो गए थे, लेकिन उन्होंने जिंदगी से हार नहीं मानी। पिछले साल 15 अगस्त को शांतिकाल का दूसरा सबसे बड़ा गैलेंट्री अवॉर्ड कीर्ति चक्र हासिल करने वाले चीता ने सीआरपीएफ के निदेशालय में जॉइन किया है। फिलहाल वह पोस्टिंग का इंतजार कर रहे हैं। सीआरपीएफ की 45वीं बटालियन में कमांडिंग ऑफिसर के तौर पर तैनात चेतन चीता को 9 गोलियां लगी थीं। इसके चलते उनके दिमाग, दाईं आंख, पेट, दोनों बांहों, बाएं हाथ, हिप्स पर चोट लगी थी। करीब डेढ़ महीने तक कोमा में रहने के बाद उन्हें होश आया था।
बता दें कि सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन नक्सली ऑपरेशंस में लोहा लेती है। अधिकारियों ने कहा कि घायल अधिकारी को पहले की तरह सामान्य होने में अब भी एक से दो साल लग सकता है, लेकिन देश सेवा का उनका जज्बा युवाओं को प्रभावित करने वाला है। अर्धसैनिक बलों और सेना में भर्ती होने की इच्छा रखने वाले युवाओं को उनसे सीखना चाहिए। अधिकारियों का कहना है कि चीता पहले की तरह पूरी तरफ फिट नहीं हो पाए हैं, इसलिए उन्हें मोर्चे पर नहीं तैनात किया जा सकता। लेकिन, वह वापस ड्यूटी जॉइन कर बेहद खुश हैं और मोर्चे पर तैनात होने को लेकर भी उत्साहित हैं।