चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा ने रिंग रोड प्रोजैक्ट को दिया ग्रीन सिग्नल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Nov, 2017 08:23 AM

ring road project

जल्द ही चंडीगढ़ में ट्रैफिक कंजेशन की समस्या से निजात मिलने वाली है। जिस प्रोपोजल पर शुक्रवार को चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा के बीच सहमति बनी है अगर वह प्रोजैक्ट पूरा हो जाए तो लगभग 1 लाख वाहनों को शहर की अंदरूनी सड़कों में एंटर नहीं होना पड़ेगा। इसकी...

चंडीगढ़(विजय) : जल्द ही चंडीगढ़ में ट्रैफिक कंजेशन की समस्या से निजात मिलने वाली है। जिस प्रोपोजल पर शुक्रवार को चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा के बीच सहमति बनी है अगर वह प्रोजैक्ट पूरा हो जाए तो लगभग 1 लाख वाहनों को शहर की अंदरूनी सड़कों में एंटर नहीं होना पड़ेगा। इसकी बजाए बाहरी राज्यों से आने वाले ट्रैफिक को शहर के बाहर से ही डायवर्ट कर दिया जाएगा। हरियाणा निवास में पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ ने इस प्रोपोजल को हरी झंडी दे दी। 

 

इस मीटिंग में चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार के अतिरिक्त हरियाणा के मुख्य सचिव डी.एस. ढेसी और पंजाब के मुख्य सचिव करन अवतार सिंह ने हिस्सा लिया। तीनों स्टेक होल्डर्स ने शहर में बढ़ रहे ट्रैफिक पर चिंता जताई। इसके साथ ही पंजाब और हरियाणा से आने वाले वाहन चालकों की परेशानियों पर भी काफी देर तक चर्चा चली। इसके बाद रिंग रोड प्रोजैक्ट को तीनों ही स्टेक होल्डर्स ने भविष्य के लिए जरूरी बताया। 

 

दोनों राज्यों और यू.टी. के अधिकारियों के बीच इस प्रोजैक्ट को लेकर यह चौथी मीटिंग थी। प्रोजैक्ट के अनुसार हरियाणा व पंजाब के बीच पंचकूला के सैक्टर-20 से पीर मुच्छल्ला के बीच पंजाब राज्य के क्षेत्र में आने वाले 700 मीटर की लंबाई के टुकड़े पर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। साथ ही घग्गर नदी पर पंचकूला में सैक्टर 25, 26 के लिए पुल निर्माण किया जाएगा। 

 

कनैक्टिविटी बढ़ाने के लिए भरी हामी : 
चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा ने आपसी कनैक्टिविटी को बढ़ाने के लिए भी मंजूरी दे दी है। कनैक्टिविटी इस तरह बेहतर की जाएगीा कि जिससे लोगों का समय बच सके। इसके अतिरिक्त ट्राइसिटी के संपूर्ण विकास को कौन-कौन से एरिया प्रभावित कर रहे हैं उस पर भी मंथन किया गया। पैरिफेरी की डिवैल्पमैंट को लेकर भी प्रशासन की ओर से कुछ प्लान तैयार किए गए हैं। इसकी भी पंजाब और हरियाणा के सामने प्रेजैंटेशन दी गई। इसे भविष्य में मंजूरी मिलने की उम्मीद जाग गई है। 

 

प्रशासक ने गठित की थी कमेटी : 
13 अक्तूबर को रिंग रोड प्रोजैक्ट के लिए यू.टी. के प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर के निर्देश पर चंडीगढ़ प्रशासन ने एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया था। इसमें चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा के अतिरिक्त नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारी भी शामिल किए गए थे। प्रोजैक्ट के लिए प्रशासन की ओर से वित्त सचिव को कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है जबकि यू.टी. के चीफ आर्किटैक्ट, चीफ इंजीनियर, पंजाब और हरियाणा सर्किल के नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चीफ इंजीनियर के साथ पंजाब और हरियाणा के चीफ आर्किटैक्ट्स और चीफ टाऊन प्लानर्स भी इस कमेटी में सदस्य के तौर पर शामिल किए गए हैं। 

 

एयरपोर्ट के लिए वैकल्पिक मार्ग :
मीटिंग के दौरान फैसला लिया गया कि चंडीगढ़ इंटरनैशनल एयरपोर्ट के लिए जल्द ही एक वैकल्पिक मार्ग का निर्माण किया जाएगा। इससे पहले यह मार्ग कहां से निकलेगा इसके लिए सर्वे का काम किया जाएगा। यही नहीं, चंडीगढ़ के आसपास हरियाणा एवं पंजाब में पडऩे वाले क्षेत्रों में दक्षिणी रिंग रोड के निर्माण करने पर भी सहमति जताई गई। इस फायदा यह होगा कि दक्षिणी एरिया से आने वाले उस ट्रैफिक को शहर के अंदर नहीं आना पड़ेगा जो हरियाणा या हिमाचल की तरफ जाता है। यह ट्रैफिक भी बाहर से ही निकाल लिया जाएगा। 

 

हाईवे अथॉरिटी उठाएगी पूरा खर्चा :
शुरुआती जानकारी के अनुसार नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया इस प्रोजैक्ट का पूरा खर्चा उठाएगी जबकि लैंड एक्विजेशन पर जितना भी खर्चा आएगा उसमें से 50 प्रतिशत अथॉरिटी देगी और बाकी का 50 प्रतिशत संबंधित राज्यों और यू.टी. को उठाना पड़ेगा। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों ने भी माना कि इस प्रोजैक्ट के लिए जमीन सबसे बड़ी समस्या थी। इस पर तीनों स्टेक होल्डर्स की सहमति इस मीटिंग में बनी। 
 

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