Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Mar, 2018 12:54 PM
राज्यसभा में लगातार नौंवे दिन शून्यकाल तथा प्रश्नकाल नहीं हो सका। आंध्र प्रदेश के मुद्दे पर तेलगू देशम पार्टी और कांग्रेस के बीच तीखी नोकझोंक और हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई...
नेशनल डेस्क: राज्यसभा में लगातार नौंवे दिन शून्यकाल तथा प्रश्नकाल नहीं हो सका। आंध्र प्रदेश के मुद्दे पर तेलगू देशम पार्टी और कांग्रेस के बीच तीखी नोकझोंक और हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। पूर्व मंत्री वाई एस चौधरी ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने का कारण बताते हुए आंध्रप्रदेश के विभाजन को लेकर पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के खिलाफ एक टिप्पणी की। इसके विरोध में कांग्रेस सदस्यों ने गहरी नाराजगी जाहिर की और सदन में हंगामा शुरू हो गया।
कांग्रेस सदस्यों ने किया हंगामा
बैठक शुरू होने के बाद सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। सभापति ने बताया कि चौधरी ने नियम 241 के तहत एक बयान देने का नोटिस दिया है जिसमें वह मंत्रिमंडल से अपने इस्तीफे का कारण बताना चाहते हैं। बयान पढ़ते समय चौधरी ने कहा कि वर्ष 2014 में आंध्रप्रदेश का जल्दबाजी में अन्यायपूर्ण तथा अवैज्ञानिक तरीके से विभाजन किया गया था। इस टिप्पणी पर कांग्रेस सदस्यों ने गहरी नाराजगी जाहिर की और आसन के समक्ष आ गए। इन सदस्यों ने आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग भी उठाई।
हंगामे के कारण नहीं हो सका प्रश्नकाल
नायडू ने चौधरी से कहा कि वही बयान पढ़ा जाए जिसकी अनुमति दी गई है। स्वीकृत बयान के अलावा अन्य किसी भी बात को रिकार्ड में नहीं लिया जाएगा। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने तथा कार्यवाही चलने देने की अपील की। उन्होंने सदस्यों से कहा कि सदन राजनीति करने की जगह नहीं है। सदन में व्यवस्था नहीं बनते देख उन्होंने 11 बज कर करीब 15 मिनट पर ही बैठक को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। हंगामे के कारण सदन में आज नौवें दिन भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो सके। इससे पहले बैठक शुरू होने पर सभापति ने उच्च सदन की पूर्व सदस्य हमीदा हबीबुल्लाह के निधन का जिक्र किया और सदन की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।