Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jun, 2017 10:02 PM
केन्द्रीय रक्षा एवं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रूस को भारत का विश्वसनीय सहयोगी...
नई दिल्ली: केन्द्रीय रक्षा एवं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रूस को भारत का विश्वसनीय सहयोगी बताते हुए रूसी कंपनियों को भारतीय कंपनियों को प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण करने और उनके साथ मिलकर आधुनिक कल-पुर्जों का निर्माण करने के लिए आमंत्रित किया है। जेटली ने 'मेक इन रूस: डबल परपोज इंडस्ट्रीयलाइजेशन ऑफ टेक्नोप्रोम-2017' के पूर्ण अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा, "मैं रूसी कंपनियों को भारतीय कंपनियों को प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण करने और उनके साथ मिलकर आधुनिक कल-पुर्जों का निर्माण करने के लिए आमंत्रित करता हूं"।
रक्षा उपकरणों के निर्माण क्षेत्र में वैश्विकता स्तर
उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत रूसी कंपनियों की ओर से ही की जा सकती है। जेटली ने कहा कि रक्षा उपकरणों के निर्माण के लिए लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को सरल बना दिया गया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि अब रक्षा उपकरणों के निर्माण और उनका परीक्षण करने के लिए सरकार की ओर से किसी भी प्रकार के लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस उपकरण के निर्माण के लिए लाइसेंस की आवश्यकता है उसके लिए आरंभिक वैधता को तीन से 15 साल के लिए बढ़ा दिया गया है। जेटली ने कहा कि सरकार का लक्ष्य भारतीय कंपनियों को रक्षा उपकरणों के निर्माण के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर लाने का है। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में‘मेक इन इंडिया’कार्यक्रम को लागू करने का हमारा उद्देश्य न केवल घरेलू जरूरतोंं को पूरा करना था बल्कि भारतीय कंपनियों को वैश्विक आपूर्तिकर्ता कंपनियों की श्रेणी में लाने का था। गौरतलब है कि बेंगलुरु, दिल्ली और हैदराबाद रक्षा क्षेत्र की वैश्विक कंपनियों के डिजाइन केन्द्र बन गए हैं।