Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Feb, 2018 01:31 PM
जम्मू के सुंजुवान सैन्य अड्डे पर शनिवार सुबह हुए फिदायीन हमले में 6 जवान शहीद हो गए। लांस नायक मोहम्मद इकबाल के पिता भी इस हमले में मारे गए। वहीं सेना ने जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकियों को ढेर किया। आतंकियों ने जब कैंप पर हमला किया तब कई जवान अपने...
श्रीनगरः जम्मू के सुंजुवान सैन्य अड्डे पर शनिवार सुबह हुए फिदायीन हमले में 6 जवान शहीद हो गए। लांस नायक मोहम्मद इकबाल के पिता भी इस हमले में मारे गए। वहीं सेना ने जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकियों को ढेर किया। आतंकियों ने जब कैंप पर हमला किया तब कई जवान अपने परिवारों के साथ क्वार्टरों में थे। इस फिदायीन हमले में जूनियर कमीशंड अधिकारी मदन लाल चौधरी, सूबेदार मोहम्मद अशरफ अली, हवलदार हबीब उल्ला कुरैशी, नायक मंजूर अहमद, लांस नायक मोहम्मद इकबाल और हवलदार राकेश चंद्रा शहीद हुए।
'गोली लगने के बाद भी लड़ते रहे पापा'
हमले में शहीद हुए सूबेदार मदन लाल चौधरी की बेटी ने बताया कि सभी सो रहे थे कि अचानक दरवाजे पर जोरदार खटखटाहट सुनाई दी। हम सभी उठ गए। भाई ने दरवाजा खोल हल्का सा खोल दिया। पापा ने उसे रोका लेकिन तभी एक गोली पापा को लगी और झर्रा मुजे छूते हुए निकल गया।। पापा ने झट से दरवाजा बंद कर दिया। बाहर फायरिंग हो रही थी। पापा ने सभी को अंदर रहने को कहा। गोली लगने की वजह से पापा के बदन से खून टपक रहा था लेकिन वे बाहर जाकर काफी समय तक आतंकियों से लड़ते रहे। जवानों ने हमें सुरक्षित कमरे से बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया। कमरे में खून ही खून हुआ पड़ा था। बाद में हमें बताया गया कि पापा शहीद हो गए हैं।
'आतंकियों का क्या हुआ'
वहीं घायल हुए सूबेदार राजेंद्र सिंह रोज की तरह सैर के लिए बाहर निकले थे उन्होंने जैसे ही वर्दी में दौड़ते तीन लोगों को देखा तो उनकी चाल देखकर शक हुआ। सूबेदार राजेंद्र सिंह ने जब उनको ललकारा तो उन्होंने फायरिंग कर दी। गोली लगने के बाद उन्होंने पास के नाले में छलांग लगा दी और ऐसे गिर गए जैसे उनकी मौत हो गई हो। आतंकी उनको वैसे ही छोड़कर क्र्वाटरों की ओर चले गए। उन्हें गोली लगी थी लेकिन फिर भी उठकर जूसरी तरफ से जवानों को आतंकी हमले की जानकारी दी। मेजर अभिजीत भी इस हमले में घायल हुए थे। वे इस हमले में बुरी तरह से घायल हुए। दो दिन तक उन्हें कोई होश नहीं रहा लेकिन जब होश में आए तो उनका पहला सवाल थी, आतंकियों का क्या हुआ। यह है हमारे देश के वीर जवानों का जज्बा जो घायल होकर देश की चिता करते हैं और अपनी शहादत देकर देशवासियों को बचाते हैं।