Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jul, 2017 07:39 PM
दिल्ली राज्य उपभोक्ता आयोग ने भारतीय स्टेट बैंक को एक ग्राहक के चोरी एटीएम कार्ड को बंद करने में प्रभावी ।
नई दिल्ली: दिल्ली राज्य उपभोक्ता आयोग ने भारतीय स्टेट बैंक को एक ग्राहक के चोरी एटीएम कार्ड को बंद करने में प्रभावी कदम नहीं उठाने पर उसे 1.29 लाख रुपए लौटाने का निर्देश दिया है। राज्य आयोग ने मामले को गंभीरता से नहीं लेने और उसके खिलाफ अपील दायर करने पर बैंक पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। आयोग ने एसबीआई की अपील खारिज करते हुए कहा कि बैंक चुरा लिए गए एटीएम कार्ड को बंद करने के वास्ते प्रभावी कदम उठाने में विफल रहा जो सेवा में त्रुटि का स्पष्ट मामला है।
बैंक ने शिकायतकर्ता के खिलाफ की झूठी अपील
एसबीआई ने जिला उपभोक्ता मंच के आदेश के विरुद्ध राज्य आयोग में अपील की थी। जिला उपभोक्ता मंच ने उसे संबंधित ग्राहक को उसके खाते की राशि लौटाने का निर्देश दिया था। राज्य आयोग के न्यायिक सदस्य एनपी कौशिक ने कहा कि यह बैंक ही था जो एटीएम कार्ड बंद करने के वास्ते प्रभावी कदम नहीं उठा पाया। इस प्रकार यह सेवा में त्रुटि का स्पष्ट मामला है। यह घटना मार्च, 2006 में हुई लेकिन शिकायतकर्ता को 11 सालों में एक भी पैसा नहीं मिला। आयोग ने कहा कि शिकायतकर्ता को भुगतान करने के बजाय बैंक ने झूठी और फालतू अपील दायर की उसे 1,00,000 रुपए जुर्माना के साथ खारिज किया जाता है।
शिकायकर्ता पर लगाया लापरवाही का आरोप
शिकायतकर्ता रहीमुन निसा शहाना के अनुसार 13 मार्च, 2000 को उसके बैग की चोरी हो गई जिसमें उसका नया एटीएम कार्ड और उसके पिन नंबर वाला लिफाफा था, वह उस कार्ड को इस्तेमाल नहीं कर पाई थी। बैग में 5000 रुपए भी थे। वह उसी दिन एसबीआई की निजामुद्दीन शाखा गई और उसने शाखा प्रबंधक से उसका कार्ड बंद करने का अनुरोध किया। लेकिन जब वह 15 दिन बाद अपने खाते की राशि के बारे में पता करने दोबारा बैंक पहुंची तब उसके बैंक खाते से 1,29,060 रुपए एटीएम के जरिए निकाल लिए गए थे। वैसे बैंक ने जिला उपभोक्ता मंच में शिकायकर्ता पर लापरवाही का आरोप लगाया और 13 मार्च को बैंक नहीं आने की बात कही।