नाेटबैन पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हालात गंभीर हो रहे हैं, ऐसे में दंगे हो सकते हैं

Edited By ,Updated: 18 Nov, 2016 05:51 PM

sc questions why limit on exchange of old notes was reduced

उच्चतम न्यायालय ने केंद्र की उस याचिका पर आपत्ति जताई है जिसमें उसने यह निर्देश दिए जाने का आग्रह किया था

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने केंद्र की उस याचिका पर आपत्ति जताई है जिसमें उसने यह निर्देश दिए जाने का आग्रह किया था कि शीर्ष अदालत को छोड़कर कोई अन्य अदालत नोटबंदी अधिसूचना से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई नहीं करे। साथ ही केंद्र सरकार की नोट बंदी से संबंधित याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इंकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि हालात गंभीर हो रहे हैं, ऐसे में दंगे हो सकते हैं, क्या ये नोट प्रिंट करने की दिक्कत है। हालांकि SC ने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से कहा कि वह स्टे के लिए ट्रांसफर पिटिशन अपील दायर करें। मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को हाेगी।

देश में भ्रम की स्थिति फ़ैल रही
बता दें कि इस याचिका में केंद्र सरकार ने कोर्ट से गुहार लगाई है कि नोटबंदी से संबंधित किसी भी तरह की याचिका पर सुनवाई का अधिकार वो अपने पास सुरक्षित कर ले। केंद्र की मांग है कि हाईकोर्ट और निचली अदालतों में इस मामले पर सुनवाई न हो, क्योंकि इससे देश में भ्रम की स्थिति फ़ैल रही है। केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति अनिल आर दवे की अध्यक्षता वाली पीठ केसमक्ष कहा कि नोटबंदी को लेकर विभिन्न हाईकोर्ट और अदालतों में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी जाए, क्योंकि इससे भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सिर्फ शीर्ष अदालत में ही सुनवाई हो।

SC ने दखल देने से किया था इंकार 
बता दें कि 15 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले को रोकने से इंकार कर दिया। हालांकि उसने सरकार से कहा था कि वो 10 दिन में बताए कि लोगों को बैंक और एटीएम में लग रही लंबी लाइनों से राहत देने के लिए क्या उपाए किए जा सकते हैं। कोर्ट ने कहा था कि हम हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं, हम सिर्फ यह देखेंगे कि क्या समस्या को कमतर करने के लिए और कदम उठाए जा सकते हैं। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!