Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jan, 2018 02:26 PM
उच्चतम न्यायालय ने आज केरल के हदिया लव जिहाद केस को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को फटकार लगाते हुए कहा कि वह इस मामले में जांच नहीं कर सकते। कोर्ट ने कहा कि हदिया बालिग है और उन्हें अपनी मर्जी से शादी करने का अधिकार है। प्रधान न्यायाधीश दीपक...
नेशनल डेस्क: उच्चतम न्यायालय ने आज केरल के हदिया लव जिहाद केस को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को फटकार लगाते हुए कहा कि वह इस मामले में जांच नहीं कर सकते। कोर्ट ने कहा कि हदिया बालिग है और उन्हें अपनी मर्जी से शादी करने का अधिकार है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चन्द्रचूड़ की पीठ को जांच एजेंसी ने बताया कि उसने न्यायलय के निर्देशों के बाद की जा रही जांच में काफी प्रगति की है। अदालत ने इसके बाद यह बात कही।
हदिया ने अपनी मर्जी से की शादी
पीठ ने कहा कि हमें जांच से मतलब नहीं है। आप चाहें अपनी जांच जारी रखें या किसी को गिरफ्तार करें, हमें इससे कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन आप पुरूष या स्त्री की वैवाहिक स्थिति की जांच नहीं कर सकते। न्यायालय ने यह भी कहा कि लव-जेहाद मामले की कथित पीड़िता हदिया उसके समक्ष पेश हुई थी और कहा था कि उसने अपनी मर्जी से शफीं जहां से निकाह किया था।
केरल HC के फैसले की भी होगी जांच
पीठ ने कहा कि वह केरल उच्च न्यायालय के उस फैसले पर भी गौर करेगा जिसमे हदिया के निकाह को अमान्य करार दिया गया है। गौरतलब है कि बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए केरल उच्च न्यायालय ने हदिया के निकाह को अमान्य घोषित कर दिया था। मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 फरवरी की तारीख तय करते हुए पीठ ने कहा कि हमें सिर्फ किसी से विवाह करने संबंधी एक व्यस्क व्यक्ति के चुनाव से मतलब है। न्यायालय ने पिछले वर्ष 27 नवंबर को हदिया को उसके माता-पिता की देख-रेख से मुक्त करा कर पढ़ने के लिए कॉलेज भेज दिया था।