Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Jul, 2017 05:11 PM
अमरीका और चीन जहां उत्तर कोरिया के मुद्दे पर नए सिरे से बातचीत कर रहे हैं कि कैसे प्योंगयांग की हरकतों पर लगाम लगाई जाए...
प्योंगयांग: अमरीका और चीन जहां उत्तर कोरिया के मुद्दे पर नए सिरे से बातचीत कर रहे हैं कि कैसे प्योंगयांग की हरकतों पर लगाम लगाई जाए, वहीं भारत जैसे देशों ने भी उत्तर कोरिया से संबंध सीमित करने शुरू कर दिए हैं। पिछले साल के मुकाबले भारत और उत्तर कोरिया के व्यापार में 30 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है।
उत्तर कोरिया के सभी संपर्कों को कैसे काटा जा सकता है, इस पर चर्चा के लिए विदेश विभाग के एक अमरीकी प्रतिनिधिमंडल ने इस हफ्ते नई दिल्ली का दौरा किया। भारत को 'सुझाव' में प्योंगयांग के साथ अपने राजनयिक संबंध को सीमित करने को कहा गया है। दरअसल, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग अपने आक्रामक रवैये से बाज नहीं आ रहे हैं। उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को देर रात एक और बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च कर दुनिया में एक बार फिर से हड़कंप मचा दिया है।
मिसाइल लॉन्च के बाद कीम जोंग उन ने कहा है कि उनकी यह नई इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल की रेंज पूरे अमरीका तक है। इसके अलावा देश के कई अन्य देश भी इस मिसाइल की जद में हैं। इधर सुनने में आ रहा है कि अमरीका ने अब उत्तर कोरिया की घेराबंदी शुरू कर दी है। सूत्रों की मानें तो अमरीका चाहता है कि भारतीय उपमहाद्वीप में उत्तर कोरियाई गतिविधि को रोकने में भारत मदद करे।
बता दें कि 2016 में उत्तर कोरिया में भारत का निर्यात 110 मिलियन डॉलर था, जिसमें इस साल काफी कमी आई है। अधिकारियों के मुताबिक, द्विपक्षीय व्यापार में 30 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। चीन, उत्तर कोरिया का सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार है। इस साल चीन उत्तर कोरिया में चीन का निर्यात काफी बढ़ गया है।
भारतीय अधिकारी का कहना है कि भारत भले ही नॉर्थ कोरिया का तीसरा बड़ा निर्यात देश है, लेकिन इससे ज्यादा कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा, 'जब किसी देश का 95 प्रतिशत व्यापार एक ही देश (चीन) से हो, तो दूसरे देशों के प्रतिबंध लगाने से कोई खास फर्क पढ़ने वाला नहीं है।' बता दें कि अमरीका अब तक चीन को नॉर्थ कोरिया पर प्रतिबंध लगाने के लिए राजी करने में कामयाब नहीं हो पाया है।