टूटे हुए स्कूल में पढऩे को मजबूर देश का भविष्य

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Dec, 2017 08:04 PM

school in shamble in mendhar

मेंढर के दूर दराज के इलाके भाट्टी-धार के निकट बनोल्ला गावं में प्राइमरी स्कूल की हालत देखकर शिक्षा व्यवस्था का अन्दाजा साफ लगाया जा सकता है। स्कूल की टूटी छत्त के नीचे बच्चे पढऩे को विवश हैं। यह स्कूल एक विशाल नाले के बीचों बीच है।

जम्मू:  मेंढर के दूर दराज के इलाके भाट्टी-धार के निकट बनोल्ला गावं में प्राइमरी स्कूल की हालत देखकर शिक्षा व्यवस्था का अन्दाजा साफ लगाया जा सकता है। स्कूल की टूटी छत्त के नीचे बच्चे पढऩे को विवश हैं। यह स्कूल एक विशाल नाले के बीचों बीच है। इस स्कूल में पढऩे वाले सभी छात्र रोजाना अपनी जान को जोखिम में डाल कर पढाई करने जाते हैं। स्कूल में जाने का रास्ता नाले के बीच से गुजर कर जाता है। जहां एक तरफ राज्य सरकार और केंद्र सरकार  शिक्षा को बढ़ावा देने के बड़े बड़े दावे ठोकती हैं वहीं सरकार मासूम बच्चों की जिंदिगी के साथ खिलवाड़ कर रही है। सवाल यह उठता है जब यह स्कूल बना था क्या संबंधित विभाग को नजर नहीं आया की अगर नाला उफान पर आ जाये तो इन मासूमों की जान भी जा सकती है। 


अब बात करते हैं स्कूल की। स्कूल की इमारात की हालत को देखा गया तो वह अपनी बदहाली की दास्तां बयान कर रही थी। स्कूल में दो कमरे हैं। एक कमरे की छत्त टूटी है और उसी के नीचे बच्चे पढ़ते हैं जबकि दूसरे कमरे की में स्कूल का सामान रखा गया है और स्टाफ बैठता है। शिक्षा विभाग और सरकार की इस अनदेखी की बच्चों के अभिभावकों ने भी निंदा की है। उन्होंने सीएम से इस तरफ ध्यान देने की मांग की है।
 

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