धनु के शनि किसे बनाएंगे धनी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Oct, 2017 09:20 AM

ज्योतिषशास्त्र के दार्शनिक खंड अनुसार सूर्य पुत्र शनि को पापी ग्रह माना गया है और इसे नवग्रह में न्यायाधीश की उपलब्धि भी प्राप्त है। वास्तविकता में शनि ग्रह व्यक्ति को उसके पूर्व व प्रस्तुत जन्मों के कर्मों का फल प्रदान करते हैं। यदि व्यक्ति ने...

ज्योतिषशास्त्र के दार्शनिक खंड अनुसार सूर्य पुत्र शनि को पापी ग्रह माना गया है और इसे नवग्रह में न्यायाधीश की उपलब्धि भी प्राप्त है। वास्तविकता में शनि ग्रह व्यक्ति को उसके पूर्व व प्रस्तुत जन्मों के कर्मों का फल प्रदान करते हैं। यदि व्यक्ति ने सुकर्म किए हैं या सुकर्म कर रहे हैं तो निश्चित ही शनि उन्हें शुभ फल की प्राप्ति करता है, साथ ही अगर व्यक्ति ने पाप कर्म किए हैं तो अवश्य ही उसे शनिदेव जज बनकर दंडित करते हैं। शनि को नवग्रह में दास की पदवी प्राप्त है। ये कृष्ण वर्ण के हैं तथा इनका लंगड़ाकर चलना इनकी धीमी गति का कारण है। शनि का वाहन कौआ है। इन्हें रोग, दुख, संघर्ष, बाधा, मृत्यु, दीर्घायु, भय, व्याधि, पीड़ा, नंपुसकता व क्रोध का कारक माना गया है। शनि मकर व कुंभ राशियों के स्वामी हैं। साल 2017 में शनि का गोचर अत्यधिक अस्थिर रहा है और शनि 142 दिनों तक वक्रिय रहे हैं। साल 2017 में गुरुवार दि॰ 26.01.17 को रात्रि 09:34 पर शनि का वृश्चिक से धनु में गोचर हो गया था। पहले शनि गुरुवार दि॰ 06.04.17 को प्रातः 10:34 पर वक्रिय हो गए पुनः इसी साल शनि बुध दि॰ 21.06.17 को रात 01:37 पर अपनी वक्र अवस्था में धनु से वृश्चिक में आ गए थे। शनिदेव अपनी वक्र चाल को छोड़कर पुनः शुक्रवार दि॰ 25.08.17 को शाम 17:19 पर मार्गीय हो गए थे। शनि अब गुरुवार दिनांक 26.10.17 को शाम 18:11 ओर वृश्चिक से धनु में प्रवेश कर गए हैंं तथा शुक्रवार दी॰ 24.01.20 दोपहर 12:11 तक धनु में रहेंगे। तो आइए जानते हैं शनि के इस परिवर्तन का द्वादश राशियों पर का शुभाशुभ प्रभाव पड़ेगा।


मेष: लंबित कार्यों का प्रारंभ हो सकता है। दांपत्य हेतु समय शुभ रह सकता है। परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। मानसिक तनाव झेलना पड़ सकता है। हैल्थ हेतु चिंता रह सकती है। विपरीत लिंग आपसे आकर्षित हो सकता है। 

 

वृष: समय अशुभ रह सकता है। मुश्किल समय हेतु पहले से ही तैयार रहें। किसी भी धोखाधड़ी से सावधान रहें। नौकरी पर खतरा बना रह सकता है। पैतृक संपत्ति हाथ से फिसल सकती है। प्रॉपर्टी संबंधित खास निर्णय इस दौरान न लें। 

 

मिथुन: दांपत्य में तनाव रह सकता है। बिजनैस पार्टनरशिप में रिश्‍ते बिगड़ सकते हैं। मित्रों व शुभचिंतकों की पहचान करने में सफल हो सकते हैं। सट्टेबाजार व बड़े निवेश करने से बचें। लाइफ पार्टनर से कुछ दूर रहना पड़ सकता है। 

 

कर्क: लंबे समय तक मुश्किल समय झेलना पड़ सकता है। दांपत्य हेतु समय प्रतिकूल रह सकता है। दांपत्य में तनाव व संधिविच्छेद के योग बन रहे हैं। प्रेम संबंध में कटुता आ सकती है। बॉस से आपकी बहस होने की संभावना बनी हुई है। 

 

सिंह: सेहत थोड़ा प्रभावित हो सकती है। कोई बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। आपका पार्टनर धोखाधड़ी कर सकता है। लोन मिलने में मुश्किल हो सकती है। धार्मिक गतिविधियों से मन हट सकता है। शेयर मार्केट से नुकसान हो सकता है। 

 

कन्या: करियर को लेकर समय पक्षकारक है। नौकरी में प्रमोशन के योग हैं। प्रेम संबंधों में खटास आ सकती है। जरूरतों की पूर्ति हेतु लोन लेना पड़ सकता हैं। सेहत संबंधी समस्‍याओं में बढ़ोत्‍तरी हो सकती है। फिजूलखर्ची हो सकती है।

 

तुला: नौकरी में बेहतर अवसर मिल सकते हैं। शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। मेहनत का प्रतिफल कम मिलने से उदास रह सकते हैं। माता को लेकर चिंता रह सकती है। भाई-बहन से विवाद हो सकता है। वाहन पर खर्चा हो सकता है। 

 

वृश्चिक: समय शुभ व अशुभ दोनों फल दे सकता है। पारिवारिक कारणों से टैंशन रह सकती है। मीडिया कर्मियों को परेशानी हो सकती है। महंगी वस्तुओं पर पैसा खर्च कर सकते हैं। फिजिकल या मैंटल रूप से हैल्थ प्रॉब्लम आ सकती हैं।

 

धनु: फॅमिली लाइफ में कटुता के चलते दरार पड़ सकती है। आर्थिक स्थिति मजबूत रह सकती है। कुंवारों की शादी में देरी हो सकती है। संतान पक्ष हेतु रिश्‍ता आ सकता है। व्‍यापार में घाटा हो सकता है। ऑफिस में प्रॉब्लम बढ़ सकती है।

 

मकर: दुर्भाग्य बलवान हो सकता है। शत्रु परेशान कर सकते हैं। खर्चों में वृद्धि हो सकती है। करियर में असफलता व प्रॉब्लम रह सकती हैं। आत्‍मविश्‍वास में कमी आ सकती है। नौकरी में बदलाव आ सकता है। टैंशन में रह सकते हैं।

 

कुंभ: मन कुंठा से भर सकता है। तनाव से दूर रहने की कोशिश करें। मान-सम्‍मान में वृद्धि हो सकती है। यात्राएं सफल हो सकती हैं। आत्यधिक परिश्रम व मधुरता से कार्य पूर्ण हो सकते हैं। संपत्ति के विवादों को सुलझाने का प्रयास करें।

 

मीन: मानसिक दुविधा रह सकती है। आपकी व परिजनों की सेहत बिगड़ सकती है। कार्यों में देरी हो सकती है। संसाधनों में इजाफा हो सकता है। दुस्साहस वश सामाजिक तौर पर दिक्‍कत हो सकती है। दूर-दराज की यात्राएं सफल हो सकती हैं। 

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

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