Edited By ,Updated: 29 Dec, 2016 06:34 PM
तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की मौत की वजहों पर मद्रास हाईकोर्ट ने आशंका व्यक्त की है।
चेन्नई : तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की मौत की वजहों पर मद्रास हाईकोर्ट ने आशंका व्यक्त की है। एआईएडीएमके की पूर्व प्रमुख जयललिता की मौत के रहस्य से पर्दा उठाने की मांग से जुड़ी जनहित याचिका पर जस्टिस एस. वैद्यनाथन और जस्टिस पार्थिबान की वकेशन बेंच ने कहा कि, हमें भी जयललिता की मौत पर शक है। हम मामले की सही जांच के लिए हम जरूरत पडऩे पर जयललिता के शव को कब्र से क्यों नहीं निकलवा सकते। इस संबंध में कोर्ट ने पीएम नरेंद्र मोदी और राज्य सरकारों को भी नोटिस देकर यही सवाल पूछा है। इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि जयललिता की बीमारी को इस तरह गोपणीय बना कर क्यों रखा गया। अपने समर्थकों के बीच अम्मा के नाम से मशहूर जयललिता को बुखार और शरीर में पानी की कमी के कारण 22 सितंबर चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहीं उन्हें 4 दिसंबर को दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद 5 दिसंबर को उनका निधन हो गया।
जयललिता के निधन की वजहों पर कई लोगों को शक
जयललिता के निधन को लेकर कई लोग अपनी आशंकाएं जताते रहे हैं। इन्हीं लोगों में शामिल एआईएडीएमके के सदस्य पीए जोसफ ने पार्टी प्रमुख की मौत के रहस्य से जुड़ी एक जनहित याचिका मद्रास हाईकोर्ट में दायर की है। उन्होंने 22 सितंबर, 2016 को अपोलो अस्पताल में जया के भर्ती होने से लेकर उनकी मौत तक, सभी घटनाओं का ब्यौरा दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में भी चांज की याचिका दायर
वहीं पार्टी से निष्कासित सांसद शशिकला पुष्पा ने भी जयललिता के निधन की जांच की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। शशिकला ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की सीबीआई या न्यायिक जांच की मांग की है। अपनी याचिका में पुष्पा ने जयललिता के निधन की परिस्थितियों को संदेहास्पद बताया है। सांसद ने जया की करीबी शशिकला नटराजन पर शक जताया है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के लोगों को शक है कि शशिकला नटराजन और उनके परिवार ने अम्मा के निधन में कुछ किया है। जयललिता के अस्पताल में भर्ती होने से लेकर निधन तक की सीबीआई जांच होनी चाहिए।