Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Jun, 2017 03:15 PM
भारत ने सिक्किम के डोकलाम क्षेत्र में चीनी सेना की गतिविधियों को अपनी सुरक्षा के लिए चिंताजनक करार दिया है
नई दिल्ली: भारत ने सिक्किम के डोकलाम क्षेत्र में चीनी सेना की गतिविधियों को अपनी सुरक्षा के लिए चिंताजनक करार दिया है और चीन को 2012 में बनी द्विपक्षीय सहमति का हवाला देते हुए कहा है कि भारत एवं भूटान की सहमति के बिना इस क्षेत्र में उसकी कोई भी निर्माण गतिविधि वैध नहीं है। विदेश मंत्रालय ने चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के वक्तव्य पर प्रतिक्रिया करते हुए आज विस्तार से अपना पक्ष रखा।
उसने कहा कि भारत चीन की गतिविधियों से बहुत चिंतित है और उसने चीन सरकार को अवगत कराया है कि डोकलाम क्षेत्र में इस प्रकार के निर्माण से सामरिक परिस्थितियों में बदलाव आयेगा और उसका भारत की सुरक्षा पर गहरा असर पड़ेगा। इस संदर्भ में भारतीय अधिकारियों ने चीन को याद दिलाया है कि दोनों देशों की सरकारों ने 2012 में यह समझौता हुआ था कि भारत और चीन की सीमा पर किसी तीसरे देश के साझा सीमावर्ती क्षेत्रों के बारे में अंतिम फैसला संबंधित देश से बातचीत करके ही लिया जायेगा। अत: ऐसे त्रिपक्षीय सीमा क्षेत्र में एकतरफा ढंग से फैसले लेना उस समझौते का सीधा उल्लंघन है।
2012 में दोनों देशों में बनी थी सहमति
विदेश मंत्रालय के अनुसार सिक्किम क्षेत्र की सीमा को लेकर भी 2012 में दोनों देशों में एक सीधी रेखा के आधार पर सीमांकन को लेकर पारस्परिक सहमति बनी थी। इस बारे में आगे की चर्चा दोनों देशों के बीच सीमा मसले पर विशेष प्रतिनिधि स्तर के फ्रेमवर्क के तहत हो रही है। इसलिए यह आवश्यक है कि सभी पक्ष अत्यंत संयम बरतें और द्विपक्षीय सहमतियों का पालन करते हुए यथास्थिति में एकतरफा बदलाव लाने का प्रयास न करें। भारत ने कहा कि यह भी बहुत महत्वपूर्ण है कि भारत एवं चीन के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता प्रक्रिया का दोनों पक्ष अत्यंत सावधानी पूर्वक सम्मान करें।
भारत ने हमेशा से ही चीन के साथ अपनी सीमा खासकर त्रिपक्षीय सीमाक्षेत्र के अंकन को लेकर समाधान के प्रति सकारात्मक रुख अपनाया है। भारत ने कहा कि वह चीन के साथ लगती अपनी सीमा पर शांति एवं स्थिरता पर गौरव करता है। यह स्थिति आसानी से प्राप्त नहीं हुई है। दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा के सभी मुद्दों पर चर्चा एवं समाधान करने के लिए एक संस्थागत प्रणाली स्थापित करने के वास्ते बहुत परिश्रम किया है ताकि सीमा पर शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित हो सके। भारत चीन के साथ अपने सभी सीमा मसलों का शांतिपूर्ण समाधान निकालने को लेकर प्रतिबद्ध है।