Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Jul, 2017 10:36 PM
आपको एलपीजी सिलेंडर की रीफिलिंग पर हर महीने कुछ न कुछ रुपए ज्यादा देने पड़ेगे
नई दिल्लीः आपको एलपीजी सिलेंडर की रीफिलिंग पर हर महीने कुछ न कुछ रुपए ज्यादा देने पड़ेगे। बढ़ोतरी की शुरूआत इस जून महीने से हो चुकी है। एेसा करने की पीछे सरकार की मंशा सब्सिडी वाले सिलेडरों से सब्सिडी खत्म करने की है। इसके चलते जून से हर महीने सब्सिडी वाले सिलेंडरों पर 4 रुपए की बढ़ोतरी की जा रही है। यह जानकारी पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने लोकसभा में दी है।
प्रधान ने बताया है कि पिछले वर्ष तेल कंपनियों को हर महीने दो रुपये प्रति सिलेंडर की मूल्य बढ़ोतरी करने की इजाजत दी गई थी। अब इस साल जून में तेल कंपनियों को नया निर्देश दिया गया है कि वे अब हर महीने चार रुपये की बढ़ोतरी करे। जुलाई में तेल कंपनियों ने 14.2 किलो क्षमता वाले गैस सिलेंडर की कीमत में 32 रुपये की बढ़ोतरी की थी। यह बढ़ोतरी जीएसटी लागू होने के चलते हुई है लेकिन आने वाले महीनों में हर महीने चार रुपये की वृद्धि की जाएगी। प्रधान ने बताया कि जुलाई, 2016 से हर महीने तेल कंपनियां एलपीजी सिलेंडर पर हर महीने दो रुपये बढ़ा कर सब्सिडी काफी कम कर चुकी हैं लेकिन तेल कंपनियां चार रुपये प्रति महीने बढ़ा कर इसे पूरी तरह से खत्म करने जा रही हैं।
इस बारे में 30 मई, 2017 को पेट्रोलियम मंत्रालय के निर्देश का मतलब साफ है कि तेल कंपनियां चार रुपये की बढ़ोतरी तब तक करेंगी जब तक एलपीजी सब्सिडी पूरी तरह से समाप्त न हो जाए। वैसे सरकार चाहती है कि यह काम मार्च, 2018 तक हो लेकिन अगर तब तक सब्सिडी बनी रहती है तो यह मूल्य वृद्धि आगे भी जारी रहेगी। अभी सरकार की तरफ से हर सिलेंडर पर 86 रुपये की सब्सिडी दी जाती है। साफ है कि अगर सब्सिडी की यह दर इसी स्तर पर बनी रहती है तो तेल कंपनियों को 22 महीने तक चार रुपये की बढ़ोतरी करनी होगी। अभी हर परिवार को साल में सब्सिडी वाले 12 सिलेंडर लेने की सुविधा है। इसके बाद अगर कोई सिलेंडर लेता है तो उसे बाजार कीमत चुकानी पड़ती है। लेकिन अब हर घरेलू ग्राहक को एक ही कीमत पर एलपीजी मिलेगी।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि सब्सिडी खत्म करने से जो राशि बचेगी उसका उपयोग सरकार देश में रसोई गैस कनेक्शन बढ़ाने के लिए करेगी। इसके लिए पीएम उज्जवला योजना लागू की गई है। इसके तहत एक वर्ष में 3.5 करोड़ कनेक्शन दिए गए हैं। सरकार वर्ष 2019 तक देश की 95 फीसद परिवारों को एलपीजी कनेक्शन देने की योजना के साथ आगे बढ़ रही है। इस पर सरकार 30 हजार करोड़ रुपये खर्च करने की बात कह चुकी है।