Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jul, 2017 10:47 PM
पिछले साल भोपाल में सिमी कार्यकर्ताओं के एनकाउंटर का जिन्न फिर से बाहर आने की उम्मीद बन गई है..
नई दिल्लीः पिछले साल भोपाल में सिमी कार्यकर्ताओं के एनकाउंटर का जिन्न फिर से बाहर आने की उम्मीद बन गई है। जेल तोड़कर भागे संदिग्धों के एनकाउंटर में मार गिराने की घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। गौरतलब है कि अक्टूबर 2016 में हुई इस मुठभेड़ में मध्य प्रदेश पुलिस ने जेल से फरार प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठ सदस्यों को मार गिराने का दावा किया था।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार, शीर्ष अदालत ने सोमवार को पूछा कि इस मामले की जांच उसी समय केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को क्यों नहीं सौंपी गई? साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से पूछा कि क्यों न इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में जवाब देने के लिए केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार को चार सप्ताह का वक्त दिया है।
रिपोटर्स के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल मुठभेड़ में मारे गए सिमी कार्यकर्ताओं के परिजनों की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह जवाब मांगा है। पुलिस ने दावा किया था सिमी कार्यकर्ता जेल से फरार होने के बाद मार गिराए गए थे।
जबकि परिजनों ने ने पुलिस पर सोची समझी रणनीतिक के तहत हत्या करने का आरोप लगाया है। हालांकि, मध्य प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच के लिए जस्टिस एसके पाण्डेय की अध्यक्षता में आयोग बनाया था।