Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Feb, 2018 11:48 PM
जेल में क्षमता से अधिक कैदियों के मुद्दे पर राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकार (एनएएलएसए) से सर्वोच्च न्यायालय ने ब्यौरा मांगा है। कोर्ट ने पिछले साल 31 दिसंबर तक क्षमता से अधिक कैदियों पर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
नेशनल डेस्क: जेल में क्षमता से अधिक कैदियों के मुद्दे पर राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकार (एनएएलएसए) से सर्वोच्च न्यायालय ने ब्यौरा मांगा है। कोर्ट ने पिछले साल 31 दिसंबर तक क्षमता से अधिक कैदियों पर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर वाली तीन सदस्यीय पीठ ने एमिकस क्यूरी के रूप में कोर्ट की मदद कर रहे वकील से महिला कैदियों के पुर्नवास और कल्याण के मामले पर नजर डालने को कहा है। महिला कैदियों के बच्चों की शिक्षा पर भी ध्यान रखने को कहा है। बता दें कि इस पीठ में न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और जस्टिस दीपक गुप्ता भी शामिल हैं।
अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि एनएएलएसए राज्य विधि सेवा प्राधिकार से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की जेलों में रिक्त पदों की संख्या बताएं। एनएएलएसए के निदेशक सुरिंद्र सिंह राठी ने राज्य विधि सेवा प्राधिकार के सदस्य सचिवों को इस बाबत जानकारी मांगी है।