दोषी करार लोगों के चुनाव न लडऩे के फैसले पर SC ने केंद्र से मांगा जवाब

Edited By ,Updated: 24 Mar, 2017 12:59 PM

supreme court seeks response from center on decision not to contest elections

सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी आपराधिक मामले में दोषी करार दिए गए व्यक्ति के चुनाव लडऩे पर आजीवन प्रतिबंध लगाने के मामले में केंद्र से जवाब मांगा है।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी आपराधिक मामले में दोषी करार दिए गए व्यक्ति के चुनाव लडऩे पर आजीवन प्रतिबंध लगाने के मामले में केंद्र से जवाब मांगा है। जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने केंद्र सरकार को 7 दिनों के अंदर इस पर जवाब देने को कहा है। कोर्ट अब 18 अप्रैल को इस मामले की फिर सुनवाई करेगा। दरअसल चुनाव आयोग चाहता है ऐसे लोगों को कभी चुनाव न लडऩे दिया जाए। राजनीति के अपराधिकरण को रोकने की मांग वाली एक जनहित याचिका में आयोग ने दोषी करार लोगों को विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के लिए अयोग्य ठहराये जाने की मांग का समर्थन किया था।

आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि जिन नेताओं को दोषी ठहराया जा चुका है, उन पर आजीवन चुनाव लडऩे पर प्रतिबंध लगाया जाए। फिलहाल ऐसा प्रावधान है कि दोषी करार दिया व्यक्ति सजा की मियाद पूरी होने के 6 साल बाद तक चुनाव नहीं लड़ सकता। ऐसे में आयोग की यह सिफारिश लागू हो जाती है तो आरजेडी सुप्रीमो एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला, सहित कई नेता कभी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

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