Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Oct, 2017 02:45 PM
आज सुप्रीम कोर्ट में महाकाल शिवलिंग पर पंचामृत (दूध, दही, शहद, शकर, घी) से अभिषेक होना चाहिए या नहीं और इसकी कितनी क्वांटिटी होनी चाहिए, इसका फैसला होगा। कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें कहा गया था कि चढ़ावे से शिवलिंग का आकार छोटा (क्षरण )...
नई दिल्ली: उज्जैन के महाकाल ज्योतिर्लिंग मंदिर कमिटी के प्रस्ताव पर SC ने संतोष जताया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देष अनुसार, पानी में प्रचूर मात्रा में मिनरल्स की अधिकता होने से शिवलिंग को नुकसान पहुंच सकता है इसलिए अब सिर्फ आधा लीटर RO के पानी से होगा महाकाल का जलाभिषेक किया जाएगा। जिसके बाद सवा लीटर पंचामृत के प्रयोग का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने महाकाल मंदिर के शिवलिंग को संरक्षित करने के लिए मंदिर समिति का प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए आदेश दिया है कि भस्म आरती से पहले शिवलिंग शिवलिंग पर सूती कपड़ा डाला जाए। पांच बजे जलाभिषेक खत्म होने के बाद पूरे गर्भगृह को सुखाया जाएगा
जानें कहा कैसे की जाती है ज्योतिर्लिंग की पूजा
महाकाल
महाकाल उज्जैन में सुबह पंचामृत से अभिषेक होता है। फिर जलाभिषेक और भस्म आरती। रात तक 4 बार अभिषेक होता है। श्रद्धालु दिनभर में कई बार पंचामृत चढ़ाते हैं। और भांग से श्रृंगार होता है।
सोमनाथ
गुजरात के राज्य सौराष्ट्र में सोमनाथ ज्योतिर्लिंग है। इस ज्योतिर्लिंग पर श्रद्धालुओं के प्रवेश पर ही रोक है, श्रद्धालुओं दूर से ही ज्योतिर्लिंग पर जल चढ़ाते है। सोमनाथ मंदिर न्यास पूजा का क्रम तय करता है। निर्धारित क्रम से अतिरिक्त कोई पूजा नहीं होती।
केदारनाथ
केदारनाथ में दूध से चढ़ाना मना है। लोग यहां पैकेट वाला दूध चढ़ाते थे, जो केमिकलयुक्त होता है। ऐसा इसलिए किया गया क्योकि इससे ज्योतिर्लिंग को नुकसान हो रहा था। यहां चंदन की लकड़ी से घिसकर बने लेप से शृंगार होता है। श्रद्धालु गंगाजल के साथ बेलपत्र और पहाड़ी से लाए फूल अर्पित करते हैं।