बिहार में सत्ता पलट के असली हीराे हैं सुशील माेदी, 10 वजहाें से फिर बनें डिप्टी CM

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jul, 2017 11:38 AM

sushil kumar modi

बिहार में 4 साल बाद जदयू और भाजपा के गठबंधन की सरकार बन गई है।

नई दिल्लीः बिहार में 4 साल बाद जदयू और भाजपा के गठबंधन की सरकार बन गई है। बिहार में सत्ता पलट करने और इस गठबंधन को दोबारा बनाने वाले असली हीरो सुशील कुमार मोदी माने जा रहे हैं। उन्हाेंने ही लालू परिवार पर भ्रष्टाचार के मामलों का खुलासा कर राजद और जदयू के बीच दरार की कहानी शुरू की, जाे बुधवार काे इस मुकाम पर अा पहुंची कि महागठबंधन टूटकर बिखर गया। कांग्रेस की लाख काेशिशाें के बावजूद सुशील के दांव ने सभी काे मात दे दी।

इन 10 वजहाें ने दिलाई डिप्टी सीएम की कुर्सीः-

1) 4 अप्रैल 2017 को सुशील मोदी ने लालू परिवार के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पर मिट्टी घोटाले का पहला आरोप लगाया। इसके बाद सुशील मोदी एक-एक कर लालू यादव और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार बम फोड़ते रहे। 

2) इसके बाद उन्हाेंने लालू के पटना में मॉल का मुद्दा उठाया। 

3) फिर वह बेनामी संपत्ति के आरोप में लगातार कई दिनों तक लालू परिवार पर हमला बोलते रहे। सुशील मोदी के लगाए आरोपों की जद में लालू, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बड़े बेटे तेज प्रताप यादव, छोटे बेटे तेजस्वी यादव, बड़ी बेटी मीसा भारती और उनके पति शैलेष, लालू की छोटी बेटी नंदिनी और चंदा थे।

4) लालू परिवार को करोड़ों के फ्री गिफ्ट को लेकर भी घेरा। सुशील मोदी के अनुसार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उनके भाई व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप की खुद और उनके परिवार की एक हजार करोड़ से ज्यादा की बेनामी संपत्तियां हैं। 

5) इसके अलावा तेजस्वी और तेजप्रताप को चाचा और नाना से भी करोड़ों के उपहार मिले, जो जांच के दायरे में हैं।

6) लालू की बेटी हेमा यादव और पत्नी राबड़ी देवी को उनके नौकर ललन चौधरी ने 2014 में करीब एक करोड़ रुपए की जमीन दान में दी थी। ललन के नाम से बीपीएल कार्ड भी बना हुआ है। ये भी जांच के दायरे में आ गए।

7) इन्हीं आरोपों के दम पर सीबीआई और ईडी ने लालू परिवार पर शिकंजा कसना शुरू किया और जुलाई में लालू परिवार के खिलाफ केस दर्ज कर उनके कई ठिकानों पर छापा मारा। यहीं से नीतीश और आरजेडी में दूरी बढ़ती चली गई।

8) अप्रैल से शुरू हुआ सुशील मोदी का अभियान साढ़े तीन महीने बाद जाकर सफल हो गया। 

9) बुधवार को जब नीतीश ने लालू से अलग होने का ऐलान किया तो पटना से लेकर दिल्ली तक भाजपा सक्रिय हो गई और कुछ मिनटों में ही उन्हाेंने जदयू काे समर्थन देने का ऐलान कर दिया।

10) सुशील मोदी 2013 तक बिहार सरकार में उपमुख्यमंत्री थे और नीतीश के सबसे भरोसेमंद माने जाते थे। इसलिए नीतीश का भरोसा दोबारा जीतकर वह 2017 में दूसरी बार डिप्टी सीएम बन गए।

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