नए अटार्नी जनरल को लेकर सस्पैंस, साल्वे होंगे या रोहतगी बने रहेंगे

Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 May, 2017 07:48 AM

suspense on the new attorney general

अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले पखवाड़े के दौरान राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति पद के लिए प्रत्याशियों का चयन करना है तो उनको यह भी एक कठिन फैसला लेना पड़ेगा कि भारत का अगला अटार्नी जनरल (ए.जी.) कौन होगा। इसके साथ दूसरे कानूनी अधिकारियों का भी...

नई दिल्ली: अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले पखवाड़े के दौरान राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति पद के लिए प्रत्याशियों का चयन करना है तो उनको यह भी एक कठिन फैसला लेना पड़ेगा कि भारत का अगला अटार्नी जनरल (ए.जी.) कौन होगा। इसके साथ दूसरे कानूनी अधिकारियों का भी चयन करना है।

हरीश साल्वे को मिल सकती है पदवी
ए.जी. मुकुल रोहतगी, भारत के सॉलिसीटर जनरल (एस.जी.) रणजीत कुमार और एक दर्जन अन्य अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल (ए.एस.जी.) का कार्यकाल जून में खत्म हो रहा है। इस बात को लेकर जोरदार अटकलें जारी हैं कि प्रख्यात वकील हरीश साल्वे को मौजूदा ए.जी. रोहतगी की जगह दी जा सकती है और अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता को पदोन्नत कर सॉलिसीटर जनरल बनाया जा सकता है। तुषार मेहता भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के करीबी समझे जाते हैं और वह एक गुजराती हैं। अगर रणजीत कुमार सरकार में 3 वर्ष काम करने के बाद फिर से प्रैक्टिस करना चाहते हैं तो उन्हें पेशे में उनकी वरिष्ठता को देखते हुए उच्चतम न्यायालय में जज बनाया जा सकता है लेकिन बताते हैं कि उन्होंने यह पद लेने से इन्कार कर दिया। इसलिए एक अन्य अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल नागेश्वर राव को उच्चतम न्यायालय पीठ में पदोन्नत किया जा सकता है।

जाधव का केस लड़ रहे हैं साल्वे
उल्लेखनीय है कि मई 2014 में भी मोदी सरकार ने साल्वे को इस पद के लिए नियुक्त करना चाहा था। मगर साल्वे ने लंदन में अपने पूर्व के कार्यक्रमों और कई ‘सालिसी’ मामलों को देखते हुए क्षमा याचना मांगी थी। हाल ही में साल्वे ने इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भारत की तरफ से पैरवी की और शानदार जीत हासिल की लेकिन रोहतगी ने उच्चतम न्यायालय में अपनी जोरदार दलीलों और कानूनी कुशलता से इन 3 वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री को बहुत प्रभावित किया है। उन्हें तेज-तर्रार कानूनविद व उदीयमान सितारे के रूप में समझा जाता है। वह भी इस पद पर बने रहे सकते हैं लेकिन मोदी ने इस संबंध में अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया और इस पर सस्पैंस बना हुआ है। मोदी को कुछ नए ए.एस.जी. की नियुक्ति को लेकर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से भी सलाह-मशविरा करना होगा। अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल परमिन्द्र सिंह पटवालिया पहले ही पद छोड़ चुके हैं और एक अन्य ए.एस.जी. नीरज किशन कौल ने भी अपना पद छोडऩे की इच्छा व्यक्त की है।

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