Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Aug, 2017 10:02 PM
हुर्रियत कांफ्रैंस (एम) चेयरमैन मीरवाइज उमर फारुख ने कहा कि दिल्ली में बैठी सरकार को लगता है कि हथियार के बल पर जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित की जा सकती है लेकिन मैं उनको कहना चाहूंगा किए अगर आप एक आतंकी को मारोगे को दस आतंकी पैदा होंगे।
श्रीनगर : हुर्रियत कांफ्रैंस (एम) चेयरमैन मीरवाइज उमर फारुख ने कहा कि दिल्ली में बैठी सरकार को लगता है कि हथियार के बल पर जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित की जा सकती है लेकिन मैं उनको कहना चाहूंगा किए अगर आप एक आतंकी को मारोगे को दस आतंकी पैदा होंगे। श्रीनगर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में जुमा नमाज पर जनसभा को संबोधित करते हुए मीरवाइज ने कहा कि कश्मीर में हर रोज पढ़े लिखे युवाओं को बेवजह मारा जा रहा है। दिल्ली की सरकार को लगता है कि हम अगर एक-एक कर सभी आतंकियों को मार डालेंगे तो कश्मीर शांत हो जाएगा, लेकिन उन्हें मालूम होना चाहिए कि जब एक आतंकी मारा जाता है तो प्रतिशोध में आकर दस युवा आतंकी बन जाते हैं।
बता दें मीरवाइज उमर फारुख को पिछले 57 दिनों से अपने घर में नजरबंद किया गया था। नजरबंद से छूटते ही मीरवाइज उमर फारुख जामिया मस्जिद पहुंचे और भीड़ को संबोधित किया। मीरवाइज ने कहा कि पिछले 70 साल से कश्मीर की यही परंपरा रही है। कश्मीर में लोग पैदा होते हैं और उन्हें मालूम होता है कि यह विवादित क्षेत्र है। इसी सोच के साथ वे युवा होते हैं और एक दिन मारे जाते हैं। यह लड़ाई अनवरत जारी है।
बातचीत ही है रास्ता
कश्मीर में शांति के लिए एक ही रास्ता है वह है बातचीत का रास्ता। बातचीत के जरिए ही कश्मीर में शांति बहाल की जा सकती है। बातचीत के लिए हर पक्षकारों को शामिल करना जरूरी हैए इसके बिना बातचीत भी संभव नहीं है। कश्मीर के युवा और छात्र आए दिन स्कूल और कॉलेज में प्रदर्शन करते हैं जिसकी वजह से बार-बार घाटी बंद का ऐलान होता है। इससे साफ पता चलता है कि कश्मीर के लोग क्या चाहते हैं। मीडिया पर निशाना साधते हुए मीरवाइज ने कहा कि मीडिया में कश्मीर और कश्मीर के लोगों को लेकर गलत प्रचार किया जा रहा है। ऐसा करने से सरकार को कुछ हासिल होने वाला नहीं है।
मीरवाइज ने कहा कि कश्मीर का विवाद क्षेत्रीय विवाद से ज्यादा मानवीय विवाद है। कश्मीर के लोगों ने पिछले 70 सालों में जितनी परेशानियां झेली है यह उसी का नतीजा है।