फिर से किया गया जयललिता का अंतिम संस्कार, शव की जगह रखी गुड़िया

Edited By ,Updated: 14 Dec, 2016 09:58 AM

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तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता के निधन को दस दिन हो गए हैं लेकिन अब उनका अंतिम संस्कार विवादों में घिर गया है।

चेन्नई: तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता के निधन को दस दिन हो गए हैं लेकिन अब उनका अंतिम संस्कार विवादों में घिर गया है। जयललिता के पार्थिव शरीर को दाह नहीं दिए जाने का विरोध हो रहा है। श्रीरंगापट्टनम में उनका सांकेतिक दाह किया। खबर है कि जयललिता को 'मोक्ष' की प्राप्ति हो, इसके लिए उनके रिश्तेदारों ने मंगलवार को उनका हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया। रिश्तेदारों का ऐसा मानना था कि जयललिता को दफनाया गया, उनका दाह संस्कार नहीं किया गया, इसिलए 'मोक्ष' की प्राप्ति के लिए दोबारा ऐसा किया जाना जरूरी था। प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार को श्रीरंगपटना में कावेरी नदी के तट पर जयललिता का दाह संस्कार किया गया। मुख्य पुजारी रंगनाथ लंगर ने उनके दाह संस्कार की रस्में पूरी करवाईं।

जया के शव की जगह रखी गुड़िया
जया के शव की जगह एक गुड़िया को उनकी प्रतिकृति मानते हुए रखा गया. आचार्य रंगनाथ ने रस्में पूरी करवाईं। जया के सौतेले भाई वासुदेवन के करीबी वरदराजन का मानना है कि जयललिता को दफनाया गया, न कि उनका दाह संस्कार किया गया। इससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति नहीं होगी। उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो, इसलिए ये दाह संस्कार किया गया।

क्या मेरी बहन नास्तिक थीं?
जयललिता के सौतेले भाई वरदराजू ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या मेरी बहन नास्तिक थीं? जो उन्हें दफनाया गया...वरदराजू इस रस्म के दौरान मुख्य तौर पर शामिल रहे। उन्होंने कहा कि पार्टी को जयललिता की मान्यताओं का सम्मान करना चाहिए था। मेरी बहन नास्तिक नहीं थीं... मैं पूछना चाहता हूं कि क्या वह हिंदू त्योहारों और मान्यताओं को नहीं मानती थीं? क्यों उनकी पार्टी ने उन्हें दफनाने का ठोस निर्णय लिया? उनके अंतिम संस्कार से हमें दूर रखा गया आखिर क्यों ?जयललिता के मैसूर और मेलूकोटे में रहने वाले भतीजों ने भी रस्मों में हिस्सा लेकर दुख व्यक्त किया।

शशिकला ने किया था अंतिम संस्कार
जयललिता की करीबी दोस्त शशिकला ने उनके अंतिम संस्कार की आखिरी रस्मों को पूरा किया था। ऐसा कर के शशिकला ने संभवत: यह संदेश देने का प्रयास किया था कि जयललिता की राजनीतिक विरासत पर उनका अधिकार है। जयललिता के अंतिम संस्कार के बाद सूबे के मुख्‍यमंत्री ओ पनीरसेल्लवम सहित कई मंत्री शशि कला से मिलने पहुंचे थे।

इसलिए दफनाया गया था जयललिता को
जन्म से ब्राह्मण और माथे पर अक्सर आयंगर नमम (एक प्रकार का तिलक) लगानेवाली जयललिता को दफनाया गया था। कुछ लगों का कहना है कि द्रविड़ आंदोलन के बड़े नेता मसलन पेरियार, अन्‍नादुरई व एमजी रामचंद्रन जैसी शख्सियतों को दफनाया गया था। इस‍ लिहाज से दाह-संस्कार की कोई मिसाल नहीं हैं। इन वजहों से चंदन व गुलाब जल के साथ दफनाया जाता है इसलिए इसी विधि के साथ जयललिता को दफनाया गया।

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