Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Nov, 2017 11:22 PM
तमिलनाडु में कुछ स्कूल टीचरों को मद्रास हाईकोर्ट के जज को ट्रोल करना भारी पड़ गया। मद्रास हाईकोर्ट के जज एन किरुबाकरन को सोशल मीडिया पर ट्रोल करने व आपत्तिजनक भाषा और फैसले का विरोध करने के चलते तमिलनाडु सरकार ने 50 एफआईआर दर्ज की है और 11 स्कूल...
नेशनल डेस्कः तमिलनाडु में कुछ स्कूल टीचरों को मद्रास हाईकोर्ट के जज को ट्रोल करना भारी पड़ गया। मद्रास हाईकोर्ट के जज एन किरुबाकरन को सोशल मीडिया पर ट्रोल करने व आपत्तिजनक भाषा और फैसले का विरोध करने के चलते तमिलनाडु सरकार ने 50 एफआईआर दर्ज की है और 11 स्कूल टीचरों को सस्पेंड कर दिया है। बता दें, जज ने टीचरों की हड़ताल पर सितंबर में एक फैसला दिया था जिसका इन टीचरों ने सोशल मीडिया पर विरोध किया था।
जानकारी के मुताबिक जज किरुबाकरन के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में मंगलवार को एक 40 वर्षीय महिला को वेल्लोर से गिरफ्तार कर लिया गया। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेट्री प्रदीप यादव ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया 'कोर्ट के आदेश पर 11 टीचरों को सस्पेंड किया गया है। इन लोगों पर जज और न्यायपालिका के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने और असंसदीय शब्द इस्तेमाल करने का आरोप है। हालांकि सभी ने बिना शर्त माफी भी मांगी है।'
अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, एक सरकारी सूत्र ने बताया कि सरकारी टीचरों ने बुधवार को कोर्ट के समक्ष इस पर माफी भी मांगी थी। अभी और सरकारी नौकरों के ऊपर कार्रवाई हो सकती है। इनमें से ज्यादातर स्कूल शिक्षक हैं, करीब 50 एफआईआर इस मामले में दर्ज की गईं हैं।
टीचर सातवें वेतन आयोग और पेंशन स्कीम लागू करने के लिए हड़ताल कर रहे थे। इसके चलते उन्होंने क्लास का भी बायकॉट कर रखा था। नीट परीक्षाओं में तमिलनाडु के सरकारी स्कूलों के खराब प्रदर्शन के बाद जस्टिस किरुबाकरन ने कहा था कि वेतन की मांग करने वाले टीचरों को शर्म आनी चाहिए।