Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Nov, 2017 04:45 PM
जहां एक तरफ मोदी सरकार ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा दे रही है वहीं दूसरी ओर ओडिशा के एक स्कूल में छात्राओं से मजदूरी करवाई जा रही है। इसके बदले छात्राओं को 100 रुपए प्रति दिहाड़ी भी दी जा रही है। मामला सामने आने पर शिक्षा विभाग ने जांच के आदेश दे...
नेशनल डेस्क: जहां एक तरफ मोदी सरकार ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा दे रही है वहीं दूसरी ओर ओडिशा के एक स्कूल में छात्राओं से मजदूरी करवाई जा रही है। इसके बदले छात्राओं को 100 रुपए प्रति दिहाड़ी भी दी जा रही है। मामला सामने आने पर शिक्षा विभाग ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
जानकारी के अनुसार ओडिशा के मयूरभंज के ठाकुरमुंड इलाके में आदिवासी समाज की तीन लड़कियां एक स्कूल के हास्टल में रहकर पढ़ाई करती हैं। उसी स्कूल की शिक्षिका संगीता सरिता मुंडा ने उन तीनों छात्राओं से अपने खेत पर काम करवाया और बदले में उन्हे प्रतिदिन के 100 रुपए भी दिए। घटना तब प्रकाश में आई जब लड़कियों के माता-पिता उनसे मिलने स्कूल आए तो वे वहां से लापता थी। अभिभावकों ने इसकी जानकारी स्कूल प्रबंधन को दी और विरोध प्रदर्शन किया।
बता दें कि ओडिशा में इस तरह के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। इससे पहले एक प्राइमरी स्कूल की महिला टीचर ने अपने छात्रा से स्कूटी साफ करवाई थी। उस मामले का वीडियो वायरल होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने ब्लॉक शिक्षा ऑफिसर को महिला टीचर को बर्खास्त करने का आदेश दे दिया था।