Edited By ,Updated: 29 Mar, 2017 01:25 PM
माना जाता है कि कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पदचिन्हों पर चलकर कांग्रेस सेवादल का गठन किया था।
पटना: माना जाता है कि कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पदचिन्हों पर चलकर कांग्रेस सेवादल का गठन किया था। अब बिहार में राष्ट्रीय जनता दल ने आरएसएस की तर्ज पर डीएसएस यानि कि धर्मनिरपेक्ष सेवक संघ का गठन कर लिया है। पार्टी के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के पुत्र और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने डीएसएस के गठन की घोषणा की। उनका कहना है कि इस संगठन का विस्तार राष्ट्रीय स्तर पर किया जाएगा। तेजप्रताप ने कहा कि डीएसएस में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आदि सभी धर्मों के लोग शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि यह संगठन आरएसएस और योगी आदित्यनाथ के संगठन ‘हिंदू वाहिनी’ सेना का मुकाबला करने को तैयार है।
आरएसएस की मनमानी नहीं चलने देंगे: तेजप्रताप
तेजप्रताप यादव ने कहा कि डीएसएस आरक्षण के मुद्दे पर आरएसएस को खदेड़ देगा। आरक्षण हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। हम आरएसएस की मनमानी नहीं चलने देंगे। तेजप्रताप के इस कदम पर भाजपा की दिलचस्प प्रतिक्रिया सामने आई है। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने तेजप्रताप यादव को सलाह दी कि वे पहले आरएसएस का प्रशिक्षण लें। उन्होंने कहा कि तेजप्रताप को पहले आरएसएस की ट्रेनिंग लेनी चाहिए। उसके बाद कोई संगठन बनाने की बात करनी चाहिए।
इंदिरा गांधी ने आरएसएस पर लगाया था प्रतिबंध
गौरतलब है कि वर्ष 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हिंदुत्ववादी संगठन आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आरएसएस की विचारधारा को महात्मा गांधी की हत्या के लिए जिम्मेदार मानते हैं। नाथूराम गोडसे ने आरएसएस छोडऩे के बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या की थी।इन संगठनों में अंतर यह है कि आरएसएस भाजपा की मातृ संस्था है जबकि कांग्रेस सेवादल और डीएसएस कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के संगठन हैं।