HC का नीतीश से सवाल- शराबबंदी के कार्यक्रम में बच्चों का इस्तेमाल क्यों?

Edited By ,Updated: 19 Jan, 2017 01:51 PM

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पटना हाई कोर्ट ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार से पूछा कि आखिर कौन सा कानून उन्हें नैशनल और स्टेट हाइवे पर वाहनों की आवाजाही रोक कर।

पटना : पटना हाई कोर्ट ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार से पूछा कि आखिर कौन सा कानून उन्हें नैशनल और स्टेट हाइवे पर वाहनों की आवाजाही रोक कर स्कूल के बच्चों का इस्तेमाल कर ह्यूमन चेन बनाने की इजाजत देता है। बिहार में शराबबंदी की अपनी प्रतिबद्धता को दिखाने के लिए राज्य सरकार ने 21 जनवरी को एक बड़े पैमाने पर राज्यभर में ह्यूमन चेन बनाने का कार्यक्रम रखा है। इस ह्यूमन चेन की लंबाई करीब 11 हजार 285 किलोमीटर होगी। इसमें से करीब 3 हजार 7 किलोमीटर का हिस्सा मेन रोड पर होगा और इस ह्यूमन चेन को कहीं भी तोड़ा नहीं जाएगा।

इस खास कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी भागेदारी होगी लिहाजा इस ह्यूमन चेन का हिस्सा बनने के लिए राज्यभर के लाखों बच्चों को शामिल किया जा रहा है। बिहार के चीफ सेक्रेटरी ने एक आदेश जारी किया जिसके मुताबिक 21 जनवरी को हाइवे पर सुबह 10 बजे से 3 बजे के बीच वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने की बात कही गई थी। पटना हाई कोर्ट में एक एनजीओ की ओर से दायर की गई पीआईएल की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता और न्यायाधीश सुधीर सिंह की डिविजन बेंच ने राज्य सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है।

मामले पर आज ही दोबारा सुनवाई होनी है। आवेदक के वकील शशिभूषण कुमार सईद अजहर नेजामी ने सवाल उठाया कि इस तरह के कार्यक्रम में स्कूल के बच्चों को शामिल करना क्या मानवाधिकार का उल्लंघन नहीं है। साथ ही आवेदक ने कोर्ट से यह भी अपील की कि चीफ सेक्रेटरी के आदेश को भी खारिज किया जाए क्योंकि इससे आम लोगों के सड़कों पर चलने के अधिकार का भी हनन होता है। 

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