कांग्रेस का महाधिवेशन अाज, मोदी सरकार को घेरने की रणनीति से उठेगा पर्दा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Mar, 2018 05:35 AM

the congress will have a general tribunal today

उत्तर प्रदेश के दो लोकसभा उपचुनाव के नतीजे से बदले राजनीतिक माहौल के बीच शुक्रवार को कांग्रेस महाधिवेशन करने जा रही है। राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के ​बाद पहली बार हो रहे इस अधिवेशन का महत्त्व काफी बढ़ जाता है...

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के दो लोकसभा उपचुनाव के नतीजे से बदले राजनीतिक माहौल के बीच शुक्रवार को कांग्रेस महाधिवेशन करने जा रही है। राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के ​बाद पहली बार हो रहे इस अधिवेशन का महत्त्व काफी बढ़ जाता है। तीन दिवसीय इस अधिवेशन में पार्टी विभिन्न प्रस्तावों के जरिये राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर अपने विचार स्पष्ट करेगी और उन पर आगे बढऩे तथा उनके क्रियान्वयन का रास्ता तय करेगी।

महाधिवेशन पर होगी सबकी नजर 
यह अधिवेशन इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि हाल ही में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्ष को एकजुट करने के लिए रात्रि भोज का आयोजन किया था। जिसमें 20 दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। इस डिनर डिप्लोमेसी में हुई चर्चा को कांग्रेस महाअधिवेशन में विस्तार देगी। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के मिलकर भाजपा को पटकनी देने के बाद कांग्रेस के इस अधिवेशन का महत्व और बढ़ गया है। सबकी नजर अब इस बात पर होगी कि पार्टी भाजपा विरोधी ताकतों को साथ लेने के लिये क्या रास्ता अपनायेगी। 

कई मुद्दों पर होगी चर्चा 
पार्टी सूत्रों के अनुसार राहुल देश की राजनीतिक स्थिति पर दृष्टि पत्र पेश कर सकते हैं जिसमें आगे की रणनीति विशेषकर अगले वर्ष होने वाले आम चुनाव में भाजपा को पराजित करने की रणनीति के बारे में विस्तार से जानकारी होगी। किसानों, बेरोजगारों तथा गरीबों के मुद्दे पर इस अधिवेशन में विशेष रूप से चर्चा होगी तथा इस संबंध में प्रस्ताव भी पारित किये जायेंगे। इन मुद्दों पर पार्टी सरकार को लगातार घेरती रही है और अगले चुनाव में वह इन्हें बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी में है।  

अधिवेशन में 15000 प्रतिनिधि लेंगे हिस्सा 
बता दें कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से लगातार हार पार्टी के लिये चिंता का विषय है और इस मसले पर अधिवेशन में विस्तार से चर्चा होगी। पार्टी इस दुविधा में है कि वह खुद को मजबूत करने के लिये अकेले आगे बढ़े या भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिये क्षेत्रीय दलों की प्रधानता स्वीकार करे। इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में होने वाले तीन दिन के इस अधिवेशन में 15000 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। सत्र के पहले दिन 16 मार्च को पदाधिकारियों की बैठक होगी और दूसरे दिन 17 मार्च को राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक तथा अन्य प्रस्ताव पारित किए जाएंगे तथा 18 को महा अधिवेशन का समापन होगा। 

2019 आम चुनाव के लिए रोड मैप तैयार करेगी पार्टी 
सूत्रों के अनुसार महा अधिवेशन में राजनीति प्रस्ताव 2019 के आम चुनाव पर केंद्रित होगा। राजनीतिक प्रस्ताव में पार्टी मोदी सरकार की नाकामियों को सामने लाने और उसके अनुरूप आम चुनाव में अपनी जीत और भाजपा की हार सुनिश्चित करने के लिए रोड मैप तैयार करेगी। इस महा अधिवेशन से संबंधित तैयारी के लिए चार समितियां गठित की गयी थीं। मसौदा समिति का दायित्व पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा राजनीतिक प्रस्ताव समिति की जिम्मेदारी एके एंटनी के पास है। आर्थिेक मामलों की समिति के अध्यक्ष पी चिदंबरम तथा संविधान संशोधन समिति के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद हैं। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा कृषि, रोजगार तथा गरीबी उन्मूलन संबंधी उप समिति के अध्यक्ष हैं और मीनाक्षी नटराजन इसकी संयोजक हैं।

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