23 लाख रुपए के साथ तन्हा हुई नन्ही परी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jun, 2017 08:01 PM

the father who runs the rickshaw

अपनी बेटी को पालने के लिए जी तोड़ मेहनत करने वाला रिक्शाचालक असमय मौत का शिकार हो गया है। रिक्शाचालक  बबुलू की मौत के बाद उनकी ...

नई दिल्ली:अपनी बेटी को पालने के लिए जी तोड़ मेहनत करने वाला रिक्शाचालक असमय मौत का शिकार हो गया है। रिक्शाचालक  बबुलू की मौत के बाद उनकी पांच साल की बेटी अब अनाथ हो गई है। बबलू की बेटी दामिनी का जन्म वर्ष 2012 में हुआ ।

दामिनी की मां का देहांत अस्पताल में ही हो गया था। उसके बाद दामिनी की परवरिश का भार रिक्शा चलाकर जीवन यापन कर रहे बबलू पर आ गया। वो जब रिक्शा लेकर निकलते तो दामिनी को भी बांहों का झूला बना लेते। अब नन्हीं दामिनी को पिता भी अकेला छोड़कर दुनिया से चले गए हैं।

दामिनी पिछले चार साल से राजस्थान के भरतपुर में सरकारी बाल संरक्षण गृह में है। उनके रिक्शाचालक पिता बबलू उसकी परवरिश नहीं कर पा रहे थे। बीबीसी ने जब बबलू की खबर प्रसारित की तो दामिनी के लिए लगभग 18 लाख रुपए जमा हो गए।

दामिनी की देखरेख के लिए बनी समिति के सदस्य डॉ बीएम भारद्वाज ने कहा कि उसके बाद भी सहायता का सिलसिला थमा नहीं। कुछ महीने पहले तक 2& लाख रुपये आ चुके थे। गौरतलब है कि मना करने के बाद भी लोग दामिनी के लिए सहायता राशि दे रहे हैं। 

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