Edited By ,Updated: 26 May, 2016 02:08 AM
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दौरान ओम के उच्चारण को लेकर पैदा हुए विवाद को सरकार ने खत्म करने की कोशिश की है...
नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दौरान ओम के उच्चारण को लेकर पैदा हुए विवाद को सरकार ने खत्म करने की कोशिश की है। आयुष मंत्रालय ने का कहना है कि इस अक्षर का उच्चारण करने की कोई अनिवार्यता नहीं है।
इसके साथ ही मंत्रालय ने यह भी साफ किया है कि योग दिवस के दौरान होने वाले एक्सरसाइज बिल्कुल पिछली बार की तरह ही होंगे और इनके प्रोटोकॉल में रत्तीभर का परिवर्तन भी नहीं किया गया है।
आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने बुधवार को कहा, यह एक सार्वभौमिक अक्षर है। इसके साथ किसी तरह का धार्मिक जुड़ाव नहीं है। पिछली बार की तरह, इस बार भी यह योग दिवस कार्यक्रम का हिस्सा होगा, लेकिन इसे अनिवार्य नहीं बनाया गया है। जो लोग इसका उच्चारण करना चाहते हैं, वे कर सकते हैं। जो नहीं करना चाहते, वे अपनी मर्जी से किसी और शब्द का उच्चारण कर सकते हैं। यह उनके ऊपर निर्भर होगा।
बता दें कि पिछले साल योग दिवस पर सूर्य नमस्कार को लेकर खासा विवाद हुआ था। इस बार ओम को लेकर तब विवाद शुरू हो गया, जब ऐसी खबरें आईं कि सरकार ने इस बार के योग दिवस के लिए जो प्रोटोकॉल जारी किया है, उसमें योग सत्र की शुरुआत ओम के उच्चारण के साथ होगी। इन खबरों के बाद अल्पसंख्यक समाज के कुछ तबकों ने अपनी आपत्ति जताई थी।