Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Sep, 2017 05:08 PM
क्योंकि इस ट्रेन की एसी टू बोगी में झारखंड सरकार के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह सफर करना था
रांचीः नेताओं और मंत्रियों को खुश करने में अधिकारी जनहित को भी दरकिनार करने से गुरेज नहीं करते हैं। ताजा मामला झारखंड में देखने को मिला। यहां रेलवे अधिकारियों ने चापलूसी की हद पार कर दी। दरअसल बीते बुधवार की रात झारखण्ड सरकार के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह को पाटलिपुत्र एक्सप्रेस में सफर करना था। मंत्रीजी को पैदल न चलना पड़े इसलिए अचानक रेलवे अधिकारियों ने प्लेटफॉर्म बदल दिया। जबकि आमतौर पाटलिपुत्र एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर दो या तीन पर आती है। एकाएक बदलवा की वजह से कई यात्रियों की ट्रेन छूट गई।
जबिक, रेल नियमों के मुताबिक राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के लिए ही प्लेटफॉर्म बदले जाते हैं। इसके अलावा विषम परिस्थिति में ही प्लेटफार्म बदला जाता है लेकिन इसकी सूचना वक्त रहते स्टेशन पर मौजूद यात्रियों को देना भी जरूरी होता है।
लेकिन इस केस में केवल एक राज्य के मंत्री को खुश करने के लिए रेल प्रशासन नेनियमों की धज्जियां उड़ा दी और पाटलिपुत्र एक्सप्रेस को जसीडीह स्टेशन के दो या तीन नंबर पर लगाने की बजाय एक नंबर प्लेटफार्म पर लगा दिया। ताकि मंत्रीजी को ट्रेन पकड़ने के लिए प्लेटफॉर्म दो या तीन पर न जाना पड़े, क्योंकि इस ट्रेन की एसी टू बोगी में झारखंड सरकार के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह सफर करना था और उन्हें देवघर जाना था।
वहीं अचानक दूसरे प्लेटफॉर्म पर ट्रेन को आता देख यात्रियों में भी अफरा-तफरी मच गई। यात्रियों का आरोप है कि ट्रेन के प्लेटफॉर्म बदलने की कोई घोषणा भी नहीं की गई जिसकी वजह से कई लोगों की ट्रेन छूट गई। ट्रेन पकड़ने के लिए बुजुर्ग, महिलाओं और बच्चे को फुट ओवर ब्रिज क्रॉस कर एक नंबर प्लेटफॉर्म पर आना पड़ा। जसीडीह उतरने वाले यात्री हैरान हो गए कि यह ट्रेन कभी प्लेटफार्म नंबर एक पर नहीं आती।