Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Jun, 2017 05:50 PM
कतर पर 6 अरब देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध की वजह से भारतीय कामगारों पर असर पड़ सकता है...
सऊदी अरबः कतर पर 6 अरब देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध की वजह से भारतीय कामगारों पर असर पड़ सकता है। लेकिन विदेश मंत्री का कहना है कि डरने की जरूरत नहीं है। करीब 17-18 वर्ष पहले कुवैत और इराक के आपसी खींचतान के असर को दुनिया देख चुकी है। आज एक बार फिर अरब देशों में कुछ वैसा ही माहौल बन रहा है। आतंकी संगठनों के साथ कतर के रिश्ते को लेकर छह अरब देशों ने उसपर प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन अरब देशों की जो तस्वीर सामने आ रही है वो भारत के लिए चिंताजनक है। भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए जहां सऊदी अरब से कच्चा तेल मंगाता है, वहीं कतर से प्राकृतिक गैस की आपूर्ति होती है। लेकिन विदेश मंंत्री सुषमा स्वराज का कहना है कि अरब देशों के बीच तनाव से भारत अछूता रहेगा।
ये हैं परेशानी की वजहें
कतर में करीब 6.5 लाख भारतीय काम करते हैं। ये संख्या कतर के मूल लोगों से ज्यादा है। एक आंकड़े के मुताबिक भारतीयों और मूल कतर के लोगों 2:1 का अनुपात है। कच्चे तेल और गैस की कीमतों में बढ़ोतरी से महंगाई में इजाफा हो सकता है। खाड़ी में उभरा तनाव भारत की ऊर्जा सुरक्षा को नुकसान पहुंचा सकता है। खाड़ी देशों में कार्यरत लाखों भारतीयों के रोजगार पर पड़ सकता है असर। कतर ने पांच बड़े खाड़ी देशों के फैसले को आधारहीन और न्याय के विरुद्ध करार किया है।दोहा की ओर से कई बार कहा जा चुका है कि वह आतंकी संगठनों को किसी तरह की मदद मुहैया नहीं कराता है।
ईरान के अनुसार इसकी साजिश अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सऊदी दौरे के समय ही तैयार कर ली गई थी। अमरीका ने कहा है कि अरब देशों को मिलजुलकर मामले को सुलझाने के लिए आगे आना चाहिए। कतर में अमरीका का एक बड़ा सैन्य अड्डा है जिसमें 10 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात हैं। अमरीकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने कहा कि पांच देशों के फैसले से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में किसी तरह का असर नहीं पड़ेगा।