नौकरशाहों की तनख्‍वाह देश के राष्‍ट्रपति से ज्यादा

Edited By ,Updated: 13 Feb, 2017 07:10 PM

the salary of civil servants over the country  s president

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद हमारे देश के राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी की तनख्‍वाह ज्‍वॉइंट सेक्रेटरी (वरिष्‍ठ आईएएस अधिकारी) की सैलेरी से भी कम हो गई है।

नई दिल्‍ली : सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद हमारे देश के राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी की तनख्‍वाह ज्‍वॉइंट सेक्रेटरी (वरिष्‍ठ आईएएस अधिकारी) की सैलेरी से भी कम हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार गृह मंत्रालय ने राष्‍ट्रपति तथा उपराष्‍ट्रपति पद का वेतन बढ़ाने संबंधी एक प्रस्‍ताव करीब 6 महीने पहले ही प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दिया था। लेकिन इस पर अभी तक कोई कार्रवाई न होने की वजह से वेतन में यह अंतर आ गया है।

गृह मंत्रालय का प्रस्‍ताव
राष्‍ट्रपति का वर्तमान वेतन 1.5 लाख रुपए प्रति‍माह है, जिसे बढ़ाकर 5 लाख रुपए प्रत‍िमाह किए जाने का प्रस्‍ताव है। वहीं उपराष्‍ट्रपति का वेतन 1.1 लाख से बढ़ाकर 3.5 लाख रुपए प्रत‍िमाह किए जाने का प्रस्‍ताव दिया गया है। गौरतलब है कि देश में हर 10 साल में वेतन आयोग का गठन किया जाता है। मौजूदा सातवें वेतन आयोग ने 2016 में केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में 14 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्‍ताव दिया था।

सरकारी पदक्रम के अनुसार नौकरशाही में कैबिनेट सेक्रेटरी का पद सबसे बड़ा होता है, जिनका मौजूदा वेतन 2.5 लाख रुपए मासिक है, जो कि राष्‍ट्रपति के वेतन से एक लाख रुपए ज्‍यादा है। राष्‍ट्रपति का वेतन बढ़ाने संबंधी प्रस्‍ताव पीएमओ से अप्रूव होने के बाद केंद्रीय कैबिनेट को भेजा जाता है जिसके बाद इसे संसद में पास कराना होता है।
 

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