Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jan, 2018 02:53 PM
भारत के इतिहास में पहली बार एक महिला ने जुमे की नमाज अदा कराई। कुरान सुन्नत सोसायटी की महासचिव जमीता (34) ने मुस्लिम बहुल जिले में सोसायटी के कार्यालय में नमाज के दौरान इमाम की भूमिका निभायी जिसके बाद वह कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गई...
नेशनल डेस्क: भारत के इतिहास में पहली बार एक महिला ने जुमे की नमाज अदा कराई। केरल के मलप्पुरम में कुरान सुन्नत सोसायटी की महासचिव जमीता (34) ने मुस्लिम बहुल जिले में सोसायटी के कार्यालय में नमाज के दौरान इमाम की भूमिका निभायी जिसके बाद वह कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गई। जमीदा के इस कदम के बाद उसे धमकियां मिल रही हैं। रूढ़िवादी मुस्लिम वर्गों का आरोप है कि ये कुछ इस्लाम विरोधी लोगों की साजिश है। उनके अनुसार मुसलमान औरत नमाज अदा करवा सकती है लेकिन केवल महिलाओं को न कि पुरुषों को।
दरअसल 26 जनवरी को महिला इमाम जमीदा टीचर ने जुमे की नमाज अदा कराई जिसमें महिलाओं समेत करीब 80 लोगों ने भाग लिया। जमीदा के अनुसार वह पुरूषों की बनाई रूढ़िवादी परंपराओं को तोड़ना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि इस्लाम में कहीं नहीं लिखा है कि केवल पुरुष ही जुमे की नमाज अदा करवा सकते हैं। कुरान में किसी भी धार्मिक कृत्य या विश्वास को लेकर कोई लैंगिक भेदभाव नहीं है। जमीदा का कहना है कि नमाज, हज, जकात, रोज़ा जैसे सभी धार्मिक कृत्यों में औरत या मर्द में भेदभाव नहीं किया गया है।
इमाम टीचर ने कहा कि नमाज के बाद उन्हें काफी धमकियां मिल रही हैं लेकिन उन्होंने निर्णय लिया है कि वह पीछे नहीं हटेंगी और कोशिश करेंगी कि केरल के दूसरे हिस्सों में भी इस तरह से नमाज अदा करवाया जाए। बता दें कि जमीदा को तीन तलाक और जबरदस्ती धर्म परिवर्तन के खिलाफ आवाज उठाने की वजह से पहले भी धमकियां मिलती रही हैं। वहीं जमीदा की इस कदम के बाद कई मुस्लिम संगठनों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर बहस छिड़ गई है।