Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Feb, 2018 03:43 PM
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी को संसद में केंद्र सरकार का आम बजट पेश किया। यह भाजपा सरकार का आखिरी पूर्णकालिक बजट है। इस बार बजट में वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स स्लैब्स तो नहीं बदले, लेकिन कई अन्य बदलाव जरूर किए। 1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू...
नई दिल्लीः वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी को संसद में केंद्र सरकार का आम बजट पेश किया। यह भाजपा सरकार का आखिरी पूर्णकालिक बजट है। इस बार बजट में वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स स्लैब्स तो नहीं बदले, लेकिन कई अन्य बदलाव जरूर किए। 1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू होगा। बजट में प्रस्तावित सभी तरह के टैक्स 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगे। जानिए 1 अप्रैल से कौन-कौन से बदलाव होने वाले हैं और आप पर इनका क्या असर पड़ेगा।
स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा
वेतनभोगियों और पेंशनभोगियों को 40 हजार रुपए स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ दिया गया है। हालांकि 19,200 रुपए के ट्रांसपोर्ट अलाउंस और 15,000 रुपए के मेडिकल रीइंबर्समेंट की सुविधा वापस ले ली गई है। स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत आपको किसी निवेश या खर्च का बिल पेश नहीं करना पड़ेगा और आपको टैक्स में छूट मिल सकेगी।
LTCG टैक्स
1 अप्रैल से म्यूचुअल फंड की कमाई पर 10 फीसदी टैक्स देना होगा। यह लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 10 फीसदी होगा। इससे आपको स्टॉक्स से होने वाली कमाई पर टैक्स की मार पड़ेगी। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लागू होने के बाद एक साल से ज्यादा रखे गए शेयरों को बेचने से होने वाली कमाई पर आपको 10 फीसदी टैक्स देना होगा।
सेस में बढ़ोतरी
सरकार ने स्वास्थ्य, शिक्षा में सेस (ऐसा उपकर जो टैक्स पर लगता हो) 1 फीसदी बढ़ाकर 3 फीसदी से 4 फीसदी कर दिया है। इस बढ़ोतरी का असर स्वास्थ्य, शिक्षा से लेकर सभी क्षेत्रों पर पड़ने वाला है। गौरतलब है कि सेस की कुल राशि केंद्र सरकार के पास ही रहती है, जबकि टैक्स से जुटाई गई रकम में राज्यों की भी हिस्सेदारी होती है।
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी
आमतौर पर हेल्थ इंश्योरेंस करने वाली कंपनियां ग्राहकों को प्रीमियम में छूट दिया करती हैं, अगर वे कुछ सालों का प्रीमियम एक साथ अदा कर दें। लेकिन अब तक ऐसी पॉलिसियों पर भी कोई करदाता सिर्फ 25,000 रुपए तक की ही प्रमियम की रकम पर आयकर में छूट ले पाता था। वित्तवर्ष 2018-19 के आम बजट में प्रस्तावित बदलावों के तहत अब एक साल से ज़्यादा के लिए ली गई पॉलिसियों की प्रीमियम एक साथ अदा किए जाने की स्थिति में एक सीमा तक उतने ही सालों तक छूट ली जा सकेगी। सेक्शन 80D के तहत वरिष्ठ नागरिकों को हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम और जनरल मेडिकल एक्सपेंडिचर पर टैक्स छूट की सीमा 30 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी गई है।
वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत
सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों को बजट में बड़ी राहत दी है। डिपोजिट पर मिलने वाले ब्याज को टैक्स फ्री कर दिया गया है। डिपोजिट से प्राप्त आय पर टैक्स छूट की सीमा 5 गुना बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दी गई है। सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों को जमा योजनाओं से प्राप्त आय पर कर छूट की सीमा पांच गुना बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दी। प्रधानमंत्री वय वंदन योजना मार्च 2020 तक जारी रहेगी। इस योजना के अंतर्गत निवेश की वर्तमान सीमा को 7.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 15 लाख रुपए कर दिया गया है।
NPS निकासी पर इनकम टैक्स का लाभ
सरकार ने नैशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में जमा रकम निकालने पर टैक्स छूट का लाभ अब उन लोगों के लिए भी देने का प्रस्ताव किया है जो एंप्लॉयी नहीं हैं। अभी एनपीएस में योगदान करने वाले एंप्लॉयीज को ही अकाउंट बंद होने या एनपीएस से निकलते वक्त उन्हें देय कुल रकम के 40 प्रतिशत पर टैक्स छूट दी जाती है। अभी यह टैक्स इग्जेंप्शन नॉन-एंप्लॉयी सब्सक्राइबर्स के लिए उपलब्ध नहीं थी। लेकिन, 1 अप्रैल से इसका लाभ उन्हें भी मिलेगा।