पंजाब में हजारों बाल भिखारी, लेकिन अधिकारियों की नजर नहीं पड़ती

Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Mar, 2018 11:06 PM

thousands of beggars in punjab but officials do not notice

पंजाब में दो महीन पहले शुरू हुआ बाल भिखारी मुक्त अभियान जिला स्तर बनी कमेटियों की लापरवाही के कारण आगे नहीं बढ़ पा रह है। जिला कमेटियों पर गंभीरता से काम न करने पर बाल अधिकार आयोग ने उन पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।

नेशनल डेस्कः पंजाब में दो महीन पहले शुरू हुआ बाल भिखारी मुक्त अभियान जिला स्तर बनी कमेटियों की लापरवाही के कारण आगे नहीं बढ़ पा रहा है। जिला कमेटियों पर गंभीरता से काम न करने पर बाल अधिकार आयोग ने उन पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।

बाल अधिकार आयोग ने बाल भिखारी मुक्त बनाने की तारीख अगले दो महीनों के लिए बढ़ा दिया है और जिला प्रशासन, चाइल्ड केयर कमेटियों को निर्देश बाल भिखारी मुक्त प्रदेश बनाने की ओर काम करें। वहीं आयोग ने लुधियाना व जालंधर डीसी के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। दरअसल लुधियाना में अभी तक चाइल्ड केयर कमेटी का गठन तक नहीं किया है।

बाल भिखारियों की होनी चाहिए काउंसलिंग
आयोग ने बाल भिखारी मुक्त करने के लिए पंजाब राज्य ने 19 दिसंबर से अभियान चलाया था। आयोग ने सभी जिलों में चाइल्ड केयर कमेटियां गठन करने का निर्देश दिया था। कमेटियां अपने स्तर चेयरमैन डीसी या डीसी जिसका चुनाव करे, उसे अधिकारी बनाया जाना था। कमेटियों द्वारा पुलिस और एनजीओ के संचालकों को शामिल करने का आदेश दिया था। सड़कों पर भीख मांगने वाले बच्चों को पकड़कर उनकी काउंसलिंग करनी चाहिए। जिन बच्चों के अभिभावक भीख मंगवा रहे हैं। तो उन्हें चेतावनी देकर बच्चों को उनके हवाले किया जाना था। 

दरअसल, जिन बाल भिखारियों के अभिभावक नहीं थे, उन्हें जिलों में बने चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट में दाखिल करवाना था। बच्चों की पढ़ाई के लिए कमेटियों की ओर से स्कूलों में एडमिशन भी कराए जाने का आदेश दिया था। बाल अधिकार आयोग ने 2 महीने बाद जिलों से जब रिपोर्ट मांगी, तो स्थिति यह है कि कई जिलों में बाल भिखारियों के अभियान के लिए अभी तक कमेटियां नहीं गठित नहीं हो पाई है।

हजारों की संख्या में हैं बाल भिखारी
सभी जिलों के डीसी और कमेटियों के सदस्यों को कार्रवाई की चेतावनी के साथ-साथ अभियान को बाल भिखारी मुक्त प्रदेश करने के लिए दो महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है। गौरतलब है कि पंजाब राज्य में हजारों की संख्या में बाल भिखारी हैं। ऐसा कोई जिला या शहर नहीं, जहां गाड़ी रुकते ही बाल भिखारी पैसे मांगने न आते हों, बाबजूद इसके कमेटियों की नजर अब तक बाल भिखारियों को नहीं देख पा रही है।

दो महीनों के लिए बढ़ाया गया अभियान
जिलों के डीसी व कमेटियों के सदस्यों को कार्रवाई की चेतावनी देने के साथ ही अभियान को दो महीनों के लिए बढ़ा दिया गया है। मौजूदा समय में पंजाब हजारों की संख्या में बाल भिखारी हैं। किसी भी जिला या शहर में शायद ही कोई चौक ऐसा हो जहां गाड़ी रुकते ही बाल भिखारी पैसे मांगने न आते हों। उसके बाद भी कमेटियों की नजर बाल भिखारियों को नहीं ढूंढ पा रही है।

बाल सुरक्षा अधिकार आयोग के सचिव काहन सिंह पन्नू का कहना है कि बाल भिखारी मुक्त अभियान को हर हाल में सफल बनाना है। इसके लिए सभी जिलों को चेतावनी दे दी गई है। अब इस मामले में किसी भी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी। उन्होंने कहा कि आयोग पूरी तरह से इस मामले को लेकर गंभीर है। इसकी जिला स्तर पर मॉनीटरिंग की व्यवस्था की जाएगी 

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