Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Jan, 2018 07:04 PM
देश में लोकप्रिय‘हुनर हाट‘ के जरिए पिछले एक वर्ष में तीन लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मुहैया कराने के बाद केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय अब कारीगरों और शिल्पकारों को खास प्रशिक्षण देने के लिए हर राज्य में‘हुनर हब‘ स्थापित करने जा रहा है।
नेशनल डेस्क: देश में लोकप्रिय‘हुनर हाट‘ के जरिए पिछले एक वर्ष में तीन लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मुहैया कराने के बाद केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय अब कारीगरों और शिल्पकारों को खास प्रशिक्षण देने के लिए हर राज्य में‘हुनर हब‘ स्थापित करने जा रहा है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने गुरुवार को बताया कि आने वाले दिनों में देश के सभी राज्यों में हुनर हब स्थापित करने की योजना पर काम चल रहा है। इसमें कारीगरों को मौजूदा जरूरत के हिसाब से प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ‘हुनर हाट,‘‘मेक इन इंडिया’और‘स्टैंड अप इंडिया’का विश्वसनीय ब्रांड बन गया है और पिछले एक साल में इससे तीन लाख से ज्यादा कारीगरों को रोजगार मिला है। नकवी ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में पांच हुनर हाटों को मिली लोकप्रियता और सफलता के बाद अब छठां हाट अगले माह फरवरी में राष्ट्रीय राजधानी में आयोजिति किया जाएगा।
बाबा खड़क सिंह मार्ग पर लगने वाला यह दिल्ली में तीसरा हुनर हाट होगा। आने वाले दिनों में जयपुर, चंडीगढ़, कोलकाता, लखनऊ और भोपाल आदि स्थानों पर भी इसे लगाया जाएगा। नकवी ने कहा कि उनके मंत्रालय द्वारा देश भर में आयोजित किए जा रहे‘हुनर हाट’में जहां एक तरफ लाखों लोगों ने कारीगरों और दस्तकारों के हस्तनिर्मित सामानों की खरीदारी की है वहीं इन कारीगरों को देश-विदेश से बड़े आर्डर भी मिले हैं। ये हाट देश की लुप्त हो रही धरोहर को पुनर्जीवित करने का भी एक मजबूत अभियान साबित हुए हैं।
मुंबई के मरीन लाइन्स के इस्लाम जिमखाना में 4 से 10 जनवरी तक आयोजित पांचवें हुनर हाट को पूरी तरह सफल करार देते हुए उन्होंने बताया कि पांच लाख से भी ज्यादा लोगों ने इसमें कारीगरों और खानसामों के सामान की खरीदारी की। इसमें लगभग सभी राज्यों से आए 130 से ज्यादा दस्तकारों, शिल्पकारों, खानसामों ने भाग लिया जिनमे बड़ी संख्या में महिला कारीगर भी शामिल थी। पहली बार पारसी शिल्पकार (गारा एम्ब्रोइडरी, लकड़ी की बनी कृतियां तथा रोगन आर्ट) भी इस हुनर हाट में प्रदर्शन एवं बिक्री के लिए उपलब्ध थे।